'इंद्रजीत' व 'रेशमा' और 'रोजी' राष्ट्र का बढ़ा रहीं गौरव, तीनों भाई-बहन में है गजब की प्रतिभा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। गांवों से भी प्रतिभा निखरती है। जी हां, इसका नमूना प्रयागराज में स्पष्ट रूप से नजर आता है। प्रयागराज के मऊआइमा के एक गांव का एक घर इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। यहां एक भाई अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एथलीट है। वहीं उसकी दोनों बहनों ने भी सच्ची लगन और मेहनत के बूते एथलीट के मैदान में देश ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय पटल पर राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है।
मऊआइमा में एक गांव के घर से निकलीं तीन प्रतिभाएं
मऊआइमा विकास खंड के तिली का पूरा अब्दालपुर गांव निवासी जगत बहादुर पटेल की बेटी रोजी पटेल का नाम आज परिचय का मोहताज नहीं है। ग्रामीण परिवेश में पालन-पोषण व गरीबी के बावजूद बुलंद हौसले और कड़े परिश्रम की बदौलत कामयाबी पाई। रोजी अपने बड़े भाई अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गोल्ड मेडलिस्ट इंद्रजीत पटेल को अपना आदर्श मानते हुए गांव की टूटी सड़कों और मैदान में दौड़ लगाया। कठिन परिश्रम से रोजी ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। गांव से एथलीट की शुरुआत करने वाली रोजी पटेल का अंडर-18 में ओवर आल वर्ल्ड में सातवीं रैंक है।
रोजी पटेल की यह है उपलब्धि
रोजी पटेल ने वर्ष 2018 में कोयंबटूर में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, वर्ष 2018 में ही पंजाब के पटियाला में सर्किट मीट प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल, वर्ष 2019 में चेन्नई में आयोजित फर्स्ट ओपन इंटरनेशनल रेस वाक चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, वर्ष 2020 में रांची में आयोजित अंतरराष्ट्रीय रेस वाक चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल, वर्ष 2019 में आंध्र प्रदेश में आयोजित जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल प्राप्त किया था। वहीं थाईलैंड के बैंकाक में आयोजित यूथ ओलंपिक एशियन चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
रोजी की छोटी बहन रेशमा ने भी एथलेटिक्स में बनाया है मुकाम
रोजी पटेल की प्रेरणा पाकर छोटी बहन रेशमा ने भी एथलीट की दुनिया में कदम रखा। रेशमा ने भी कठिन परिश्रम के कारण कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। रेशमा पटेल भी बड़ी बहन की तरह पंजाब के संगरूर में आयोजित नार्थ जोन नेशनल एथलेटिक चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल, वर्ष 2019 में आंध्र प्रदेश में आयोजित जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, देहरादून में आयोजित सद्भावना राष्ट्रीय मिनी मैराथन में गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं। रेशमा पटेल अभी अंडर 16 में भारत के साथ एशिया में पहली रैंक हैं।
दोनों एथलीट बहनों का सपना ओलंपिक में पदक जीतना है
रोजी और रेशमा के जीवन का सिर्फ एक उद्देश्य है, वह है देश के लिए ओलंपिक में पदक जीतना। इसके लिए लॉकडाउन के दौरान भी दोनों बहनें देहरादून में कोच के साथ रहकर दिन रात तैयारी में लगी रहीं। उन्होंने बताया कि पिता विजय बहादुर व माता निर्मला देवी के स्नेह और त्याग की बदौलत व भाई अंतरराष्ट्रीय धावक इंद्रजीत पटेल की प्रेरणा और मार्ग दर्शन के बल पर आज इस मुकाम पर पहुंची हैं।