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आजमगढ़ का तीसरी पास 'इंजीनियर' कबाड़ से बना रहा ई-बाइक

गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़. हम जिस बाइक को कबाड़ी के हाथ बेच देते हैं, उसे आजमगढ़ का महज तीसरी कक्षा तक पढ़ा एक युवक अपने हुनर से ई-बाइक बना देता है। सरायमीर का सलीम किसी इंजीनियिरंग कालेज से पढ़ाई किए बगैर बड़े-बड़े मैकेनिकल इंजीनियरों को मात दे रहा है। डेढ़ हजार से ढाई हजार रुपये में कबाड़ी से खरीदी गई बाइक को सलीम बिजली से चार्ज होने वाली बाइक बनाकर बेचकर अपनी जरूरतें पूरी कर रहा है। सलीम ने अब तक चार बाइक व एक कार बनाकर बेच चुका है। खास ये कि ये पांचों वाहन कई महीनों से सफलता पूर्वक चल रहे हैं। 

सरायमीर कस्बे से सटे बीनापारा गांव निवासी 44 वर्षीय सलीम पुत्र इश्तेयाक पहले सऊदी में इलेक्ट्रिक का काम कर अपना गुजारा करता था। सऊदी अरब के कानूनों में बदलाव से जब कमाई से बचत होनी कम हो गई तो वह 2016 में अपने वतन वापस लौट आया। थोड़े दिन कुछ अलग-अलग काम करने के बाद जब मन नहीं लगा तब खुद का काम करना शुरू किया। सबसे पहले कबाड़ से खराब बाइक खरीदी। उसका इंजन हटाकर उसमें बैटरी लगाकर उसे चलने योग्य बना दिया। बाजार में ई-बाइक देखकर उसमें कई बदलाव किए। चार्जिंग प्वाइंट आदि लगाकर बाइक बनाकर तैयार कर दी। 


पढ़ाई में नहीं लगा मन लेकिन प्रयोग में महारथ

सलीम दो भाई हैं। बचपन में पढ़ाई में मन नहीं लगा। लेकिन किसी इलेक्ट्रानिक सामान को बनाने में खूब प्रयोग किया। गांव के लोगों का बिगड़ा सामान बनाने में रुचि दिखाई। लेकिन सलीम को यह समझ में नहीं आया कि उसके अंदर एक इंजीनियर है। बड़े भाई तो पढ़ लिखकर मुंबई में अपना बिजनेस करने लगे, वहीं बस गए। सलीम अपने इसी काम में रमा रहा। सऊदी में भी इलेक्ट्रिक का काम बखूबी किया। अब वतन वापसी कर इस नए प्रयोग के साथ कबाड़ से बाइक बना रहा है।  


एक बाइक से दस गुना तक हो रही कमाई 

सलीम कहते हैं कि एक बाइक से दस गुना तक की कमाई हो जाती है। बताया कि महज 25 सौ में खरीदी सुजूकी समुराई को ई-बाइक बनाकर तीस हजार में कुशीनगर में बेची। इसके बाद एक स्पलेंडर 18 सौ में खरीदकर उसे ई बाइक का स्वरूप दिया। इसे भी कुशीनगर के एक ग्राहक को बेच दी। एक पहचान वाले की कबाड़ हो चुकी सीबीजेड को बनाकर वह खुद चल रहे हैं। इसके बाद एक यामाहा बनाकर उसे भी कुशीनगर में बेचा। एक नैनो कार मुबारकपुर के अमिलो के शख्स की है। जिसे सलीम ने ई-कार बना दी।  दो बैटरी से चलने वाली यह कार सफलता पूर्वक फर्राटे भर रही है। सभी बाइक एक बार चार्ज होने पर 80 किलोमीटर चलती है। फिलहाल सलीम एक जनरेटर बनाने के प्रयोग में जुटे हैं। उनका कहना है कि कम कीमत का जनरेटर बन जाय तो काफी आसानी हो जाएगी।

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