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मुख्तार अंसारी के करीबी कोयला माफिया उमेश सिंह के शॉपिंग मॉल के बाद जमीन और घर भी जब्त

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. मुख्तार अंसारी के करीबी और कोयला माफिया उमेश सिंह पर शुक्रवार को शिकंजा कस गया। उसकी 17 लाख 36 हजार की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त कर ली गई। इससे पहले मॉल भी जब्त किया जा चुका है। मन्ना सिंह हत्याकांड में उमेश सिंह मुख्तार के साथ सह अभियुक्त है। पुलिस की कार्रवाई से मुख्तार के नजदीकियों में हड़कम्प मचा है। 

जिला मजिस्ट्रेट के आदेश व पुलिस अधीक्षक सुशील घुले के निर्देश पर दक्षिण टोला और सरायलखंसी पुलिस ने उमेश सिंह की मौजा अदरी तहसील सदर में 10 लाख की जमीन जब्त की। साथ ही जमीन पर निर्मित तीन कमरे जिसकी अनुमानित कीमत 7 लाख रुपए है, उसे भी जब्त किया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले में अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। 


6 करोड़ 67 लाख की सम्पत्ति हो चुकी है जब्त 

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कोयला माफिया की अब तक कुल 6 करोड़ 67 लाख की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त किया जा चुका है। इसमें 5.5 करोड़ रुपए की 3400 वर्ग मीटर भूखण्ड व उस भूखण्ड पर निर्मित शॉपिंग माल व कई कीमती कार व बस है। 

दो दशक से मुख्तार गिरोह की करता था आर्थिक मदद

पुलिस अधीक्षक के अनुसार कोयला माफिया उमेश सिंह त्रिदेव कंस्ट्रक्शन कंपनी,त्रिदेव कोल डिपो, त्रिदेव ग्रुप का संचालन भाई राजन सिंह उर्फ राजेश सिंह के साथ मिलकर करता है। इसके द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह की आर्थिक रूप से मदद पिछले दो दशकों से की जाती रही है। उन्होंने बताया कि मुख्तार अंसारी गिरोह आईएस 191 के नजदीकी के खिलाफ हुई कार्रवाई के दौरान 21 करोड़ 47 लाख 77 हजार रुपए की संपत्ति जब्त किया जा चुका है।


वर्ष 2009 में ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड में उमेश सिंह मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था। इसके खिलाफ थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। इसी केस के बाद सन 2010 में मुख्तार अंसारी, उमेश सिंह व अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कोतवाली थाने में केस दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि मन्ना सिंह हत्याकांड में गवाह राम सिंह मौर्य व उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी आरक्षी सतीश की सन 2010 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। इस सम्बंध में थाना दक्षिण टोला में केस दर्ज है।

 
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