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गन्ना किसानों बकाया मूल्य भुगतान कराने को लेकर योगी सरकार सख्त, कई चीनी मिलों पर आरसी जारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नया पेराई सत्र आरंभ होने से पूर्व योगी सरकार ने गत सत्र का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराने के लिए सख्ती आरंभ की है। प्रदेश के बड़े बकाएदार यदु समूह की सुजानपुर-बदायूं, सिंभावली समूह की चिलवरिया बहराइच, मोदी समूह की मोदीनगर-गाजियाबाद व बजाज समूह की रुधौली-बस्ती चीनी मिलों के खिलाफ उत्तर प्रदेश गन्ना अधिनियम 1953 की धारा 17-4 व 18-3 के तहत वसूली प्रमाण-पत्र (आरसी) जारी किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि कोरोना संकट के कारण बने विषम हालात के बावजूद सरकार किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराने को गंभीर है। भुगतान की शासन स्तर पर नियमित समीक्षा की जा रही है। नोडल अधिकारी व उप गन्ना आयुक्तों द्वारा दैनिक समीक्षा करके बनाए जा रहे दबाव का नतीजा है कि 80 प्रतिशत तक गन्ना मूल्य भुगतान कराया जा चुका है। गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि लगभग 80 चीनी मिलों ने 85 प्रतिशत तथा कुछ मिलों ने शतप्रतिशत भुगतान कर दिया है।


भूसरेड्डी ने बताया कि इन चीनी मिलों की भारत सरकार की योजनाओं बफर व परिवहन सब्सिडी आदि की लगभग तीन हजार करोड़ रुपये की धनराशि सीधे गन्ना किसानों के बैंक खातों में पहुंचा दी गई है। इसके अलावा एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि उर्जा विभाग से प्राप्त होते ही किसानों को उपलब्ध करा दी जाएगी। भूसरेड्डी ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 1,07,059 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान कराया जा चुका है।


गन्ना मूल्य वृद्धि को लामंबदी : इस माह के अंत तक आरंभ होने वाले पेराई सत्र से पूर्व किसान संगठनों ने गन्ना समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए दबाव बनाना आरंभ कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन की 17 अक्टूबर को सिसौली मुजफ्फरनगर में होने वाली पंचायत में आंदोलन की रणनीति बनेगी। मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि सत्र आरंभ होने से पहले सरकार को गन्ना मूल्य तय कर देना चाहिए। भारतीय किसान आंदोलन के कुलदीप कुमार ने कहा, गत तीन वर्ष से दाम नहीं बढ़े हैं।

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