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भैंस का न्याय: पुलिस हारी तो भैंस ने खुद चुना मालिक, साबित हो गया-जिसकी लाठी उसकी भैंस

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कन्नौज. इत्र की नगरी कन्नौज में एक भैंस ने रविवार को ऐसा मामला सुलझा दिया, जिसको सुरझाने में हमारी मित्र पुलिस ने भी हाथ खड़ा कर दिया था। यहां पर भैंस की दावेदारी को लेकर दो लोगों में विवाद हो गया, मामला कोतवाली पहुंचा तो वहां पुलिस काफी परेशान हो गई। ऐसे में भैंस ने खुद ही फैसला कर दिया। वह अपने असली मालिक के पीछे-पीछे चली गई। इसके साथ ही चर्चित कहावत जिसकी लाठी उसी की भैंस भी साबित हो गई।

कन्नौज के मवेशी बाजार में एक भैंस पर दावेदारी को लेकर दो ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया। इसके बाद यह मामला तिर्वा कोतवाली पहुंचा। कन्नौज की तिर्वा कोतवाली में पांच घंटे की माथा पच्ची के बाद पुलिस हार गई तो भैंस पर ही खुद अपना निपटारा छोड़ दिया। इस दौरान पुलिस की अनुमति मिली तो भैंस ने अपना केस खुद ही सुलझा लिया। यहां पुलिस ने कहा कि जिसके पीछे भैंस जाएगी, मालिक वही होगा। इस पर दोनों दावेदारों ने भैंस को पुकारा तो भैंस एक दावेदार के पीछे-पीछे चल दी। पुलिस ने उसी को दावेदार मान भैंस उसको सौंप दी। 


गुरसहायगंज के मिरगावां के अलीनगर जालंधर के वीरेंद्र दिवाकर ने दावा किया कि उसकी भैंस शुक्रवार रात चोरी हो गई थी। तलाश करते हुए रविवार को वीरेंद्र कस्बे के अन्नपूर्णा मवेशी बाजार पहुंच गए। यहां एक व्यापारी के पास उन्होंने भैंस देखी, जिसे उन्होंने खुद की भैंस बताया। इस पर तालग्राम के रसूलाबाद निवासी व्यापारी मुस्लिम ने बताया कि उसने भैंस को तालग्राम के माद्यौनगर निवासी धर्मेंद्र से 19 हजार रुपया में खरीदी है। दावेदारी को लेकर विवाद बढ़ा तो मामला तिर्वा कोतवाली पहुंचा। यहां पुलिस ने धर्मेंद्र को भी बुला लिया। भैंस पर धर्मेंद्र तथा वीरेंद्र दोनों ने ही मालिकाना हक जताया।

यह विवाद पांच घंटे तक यहां कोतवाली में एसएसआइ विजयकांत मिश्रा मामला निपटाने के प्रयास में लगे रहे, मगर मामला नहीं निपटा। इस पर उन्होंने कहा कि अब तो भैंस ही अपना मालिक चुनेगी। उन्होंने कहा कि भैंस जिसके पीछे पीछे चल देगी, उसी की हो जाएगी। कोतवाली परिसर में भैंस से करीब 100-100 मीटर की दूरी पर बाईं ओर वीरेंद्र और दाईं ओर धर्मेंद्र को खड़ा कर दिया। दोनों ने भैंस को अपनी-अपनी ओर पुकारा। इसके बाद तो भैंस धर्मेंद्र की ओर चल दी। उपनिरीक्षक ने तीनों के बीच समझौता करा। भैंस धर्मेंद्र को सौंप दी। धर्मेंद्र ने भैंस को बिक्री होने के कारण व्यापारी मुस्लिम को दे दी।

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