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पराली की आग में गरमाई उप्र की राजनीति, किसानों के उत्पीड़न पर अब मायावती ने योगी सरकार को घेरा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. प्रदेश में पराली जलाने को लेकर तमाम जिलों में प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है। अब तक दर्जनों जिलों में सैकड़ों किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कई किसानों को जेल भी भेजा गया है। इस दौरान किसानों से दुर्व्यवहार की तस्वीरें और वीडियो भी खूब वायरल हो रहे हैं।

कार्रवाई के दौरान कई जगह किसानों और पुलिस प्रशासन के अफसरों में झड़प की खबरें भी आई हैं। कई जगह किसानों ने आंदोलन की चेतावनी तक दे दी है। इसे लेकर लगातार राजनीति भी गरमा रही है। किसानों पर कार्रवाई को लेकर पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा। अब बसपा प्रमुख मायावती ने भी योगी सरकार को घेरा है। 


मायावती ने शनिवार की सुबह ट्वीट के जरिये कहा 'यूपी में फैले प्रदूषण को लेकर खासकर यहां पराली जलाने की आड़ में किसानों के साथ हो रही जुल्म-ज्यादती अति निन्दनीय। जबकि इस मामले में सरकार को कोई भी कार्रवाई करने से पहले, उन्हें जागरूक व जरूरी सहायता देने की भी जरूरत। बीएसपी की यह मांग।'


इससे पहले किसानों की कार्रवाई पर अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'पर्यावरण प्रदूषण के बहाने पराली जलाने के नाम पर किसानों को जेलों में डालने वाले महानुभाव बताएं कि राजनीतिक प्रदूषण फैलानेवालों को जेल कब होगी। किसान अब भाजपा का खेत खोद देंगे'


प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'क्या प्रदूषण के लिए सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं? प्रदूषण फैलाने के असली जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब होगी? किसान का वोट- कानूनी... किसान का धान- कानूनी... किसान की पराली- गैरकानूनी? उप्र सरकार ने सहारनपुर में किसानों को जेल में डाला, उन्हें छुड़वाने के लिए कांग्रेस के साथियों का धन्यवाद।'


सीएम योगी ने दुर्व्यवहार नहीं करने को कहा

किसानों से दुर्व्यवहार की खबरें आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को सचेत किया है। सीएम ने कहा कि पराली जलाने से होने वाली क्षति के प्रति किसानों को जागरूक करें। किसानों के साथ दुर्व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


सीएम योगी ने कहा कि किसी भी स्थिति में कहीं भी इस मुद्दे पर किसानों से बदसलूकी सहन नहीं की जाएगी। पराली को लेकर पहले ही गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और नहीं जलाने से होने वाले फायदे के बारे में अभियान चलाकर बताया जाए।


सीएम ने कहा कि किसानों को बताएं कि पराली जलाना पर्यावरण के साथ आपकी जमीन की उर्वरा शक्ति के लिए भी ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है। किसान ऐसा करने की जगह उन योजनाओं का लाभ उठाएं, जिससे पराली को निस्तारित कर उसे उपयोगी बनाया जा सकता है। सरकार ऐसे कृषि यंत्रों पर अनुदान भी दे रही है। कई जगह किसानों ने इन कृषि यंत्रों के जरिए पराली को कमाई का जरिया बनाया है। बाकी किसान भी इनसे सीख ले सकते हैं।


मालूम हो कि पराली के साथ फसल के लिए सर्वाधिक जरूरी पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (एनपीके) के साथ अरबों की संख्या में भूमि के मित्र बैक्टीरिया और फफूंद भी जल जाते हैं। यही नहीं, बाद में भूसे की भी किल्लत बढ़ जाती है। इसके अलावा सबसे बड़ी दिक्कत पराली जलने से होने वाला प्रदूषण भी है।

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