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एसएससी की परीक्षा में फिर सक्रिय हुआ सॉल्वर गैंग, 3 दिन में 21 गिरफ्तार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. कर्मचारी चयन आयोग ने भर्ती परीक्षाओं में साल्वर गैंग, पेपर आउट और सेंधमारी रोकने के लिए परीक्षाओं को ऑफलाइन से ऑनलाइन किया। परीक्षाओं का तरीका बदले जाने के बाद भी फर्जीवाड़ा करने के प्रयास में कमी नहीं आयी है। बीते तीन दिनों में दो अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में 21 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जो परीक्षा में सेंध लगाना चाहते थे।  

एसएससी ने परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए साल 2016 से ही परीक्षाओं को ऑफलाइन से ऑनलाइन मोड पर करना शुरू कर दिया था। इसके बावजूद भी परीक्षा में सेंधमारी करने के लिए जालसाज अलग-अलग तरीकों को आजमाना शुरू कर दिया।

 

सीएचएसएल के बाद हेडकांस्टेबल परीक्षा में मिले जालसाज

26 नवम्बर को कम्बाइंड हायर सेकेण्ड्री स्तरीय परीक्षा-2018 के स्किल टेस्ट में प्रयागराज में बनाये गये परीक्षा केन्द्र ज्ञानोदय टेक्निकल इंस्टीट्यूट से 8 एवं पटना के परीक्षा केन्द्र से एक साल्वर को परीक्षा केन्द्र के गेट पर ही पकड़ा गया। इसके ठीक एक दिन बाद ही एसएससी की ओर से 27 नवम्बर से दिल्ली पुलिस में हेडकांस्टेबल की भर्ती के लिए शुरू हुई। हेडकांस्टेबल (एक्जीक्यूटिव) भर्ती परीक्षा-2020 के दूसरे दिन शनिवार को  गोरखपुर में 12 शातिरों को पकड़ा गया जो इस परीक्षा में सेंधमारी करना चाहते थे। 


परीक्षा केंद्र पर नहीं पकड़े गए शातिर

कर्मचारी चयन आयोग मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक राहुल सचान ने बताया कि गोरखपुर में शातिरों को परीक्षा केन्द्र पर नहीं बल्कि किसी अन्य स्थान पर पकड़ा गया है। आयोग का पूरा प्रयास सेंधमारी को रोकना है। परीक्षाएं ऑनलाइन होने की वजह से काफी हद तक ये संभव भी हुआ है। सीएचएसएल-2018 के स्किल टेस्ट में भी साल्वर को परीक्षा केन्द्र पर गेट पर ही चिन्हित कर लिया गया था। परीक्षाएं ऑनलाइन होने का यही फायदा है क्योंकि स्किल परीक्षा में जो अभ्यर्थी थे वो टियर 1 और  टियर 2 की परीक्षा क्वालीवाई कर के आये थे। उनका डाटा हमारे पास मौजूद था। शक होते ही सैम्पल जांच से फौरन साफ हो गया कि ये अभ्यर्थी गलत है और परीक्षा में सेंधमारी करने आए हैं।


प्रति पाली परीक्षा में 20 से 50 हजार तक लेते थे साल्वर

एसटीएफ की पूछताछ में गिरफ्तार पिंटू और अभिषेक ने बताया कि कानपुर के एक कोचिंग सेंटर पढ़ने वाले धीरज और दीपांकर ने महेंद्र सिंह से बात कराई थी। धीरज और दीपांकर ने ही दोनों को साल्वर के रूप में गोरखपुर भेजा था। उन्हें आनलाइन परीक्षा में दूसरे की जगह परीक्षा देने पर प्रति पाली 20 से 50 हजार रुपये मिलने थे।


शहर से सटे एक ई-परीक्षा टेक्निकल सेंटर पर देना था परीक्षा

गिरफ्तार साल्वर गिरोह के सदस्यों ने बताया कि शहर से सटे एक ई परीक्षा टेक्निकल सेंटर पर उन लोगों को दूसरे की जगह परीक्षा देनी थी।  सनी, मुकुल और शैलेंद्र की जगह पिंटू को परीक्षा देनी थी। तीनों परीक्षार्थियों की परीक्षाएं अलग-अलग पालियों में थी। पिंटू ने इसके बदले काफी मोटी रकम ऐंठी थी। उन्होंने बताया कि प्रवेश पत्र पर फोटो बदलवाने के बाद वे लोग सेंटर के ही एक कर्मचारी की मदद से परीक्षा देने वाले थे।

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