Ghazipur: देश में रहूं, परदेश में रहूं, कौनो भेष में रहूं, पर राउरे कहाईबो - मनोज सिन्हा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. देश-विदेश में रहूं, चाहे काहूं भेष में , रउरे कहइबो। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल बनने के बाद पहली बार अपने गृह जनपद गाजीपुर पहुंचे मनोज सिन्हा के यह शब्द जिले के लोगों से उनके लगाव और जुड़ाव को बयां कर गया। जम्मू कश्मीर में जो दायित्व मुझे मिला है वहां ऐसा कोई काम नहीं होगा जिससे गाजीपुर का नाम कलंकित हो। सिन्हा की यह बातें दर्शाती हैं कि उन्हें यहां के लोगों की किस कदर चिता है, कैसी यादें जुड़ी हैं।
अपने जीवन के गम्भीर वृतान्त के माध्यम से पूरी तरह से भावपूर्ण डबडबाए नयनों व रुधे गले से लोगों को उनका सम्बोधन और यहां से दूर रहने का अफसोस जताना बहुत कुछ कह गया। पंडाल में मौजूद लोगों में ज्यादातर लोगों के नाम को जानने की बात पर जिस तरीके से तालियों की गड़गड़ाहट हुई वह इस बात का द्योतक है कि उनसे किस तरह का यहां के लोगों का लगाव है। अंत में उन्होंने माता वैष्णो जी के दर्शन तथा अमरनाथ की यात्रा का आग्रह भी किया। इसके पूर्व लहुरी काशीवासियों ने लंका मैदान सहित जगह-जगह फूल-माला पहनाकर पलक पांवड़े बिठा लिया। लोगों के उत्साह को देख मंच से उतरने के बाद श्री सिन्हा खुद उनके बीच गए।
तमाम लोगों से न सिर्फ मिले बल्कि उनका कुशल-क्षेम भी जाना। इस दौरान सुरक्षा कर्मी हलकान रहे। हर लोग उनसे मिलने को व्याकुल रहे। स्वागत समारोह के दौरान उनके द्वारा गाजीपुर के प्रति किए गए सभी कार्यों से पूरित एक अभिनंदन पत्र प्रोफेसर बाबूलाल बलवंत ने पढ़कर सुनाने के साथ उनको सौंपा। इस अवसर पर भाजपा के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, आइटी संयोजक कार्तिक गुप्ता प्रवीण पाठक श्रीराम जायसवाल आदि ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर र्सवश्री कृष्ण बिहारी राय, रणजीत कुमार सिंह एडवोकेट, वरिष्ठ नेता रिद्धिनाथ पांडेय, अखिलेश सिंह, ओम प्रकाश राय, जितेंद्र पांडेय, राजेश भारद्वाज, शशिकान्त शर्मा, अच्छे लाल गुप्ता, मुराहू राजभर, सरोज मिश्रा, रुद्रा पांडेय, विपिन सिंह सहित तमाम लोग थे।