Ghazipur: अब ऑनलाइन देखें प्रधान ने कितना खर्च किया गांव के विकास पर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. आपके ग्रामसभा में कौन-कौन से विकास कार्य कराए गए हैं और उस मद में कितने रुपये खर्च किए गए हैं, इसका विवरण अब हर कोई देख सकता है। सभी विकास खंडों में पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम प्रधानों एवं सेक्रेटरी के माध्यम से ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्याें तथा उन पर व्यय का विवरण जनपद की वेबसाइट गाजीपुर एनआइसी डाट इन पर अपलोड किए गए हैं। भ्रष्टाचार रोकने के लिए जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह द्वारा उठाए गए इस कदम के चलते ग्राम प्रधानों व सचिवों की सांस पोल खुलने के भय से अटक गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि पंचायती राज विभाग की सारी क्रियाकलाप तथा प्राप्त धनराशियों तथा उसके सापेक्ष ग्राम पंचायतों में प्रधानों व सचिवों द्वारा कराए गए कार्यों का ब्यौरा जनपद की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। सर्वप्रथम माह सितंबर, अक्टूबर, नवंबर तथा दिसंबर 2020 में ग्राम प्रधानों व सचिवों द्वारा ग्राम पंचायतवार जो भी धनराशि व्यय किया गया है, उसको वेबसाइट पर अपलोड कर किया गया है। अगले तीन दिनों के अंदर ही अप्रैल 2020 से पूरे वित्तीय वर्ष में जनपद के सभी ग्राम पंचायतों में कार्याें पर जितनी भी धनराशि खर्च किए गए हैं उसका ब्योरा अपलोड किया जाएगा।
अगले 10 दिनों में वर्तमान ग्राम प्रधान द्वारा अपने कार्यकाल में जितने भी कार्य किए गए हैं तथा उन पर व्यय धनराशि का पूरा ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड करने की कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि जनपद के सभी विकास खंडों के ग्राम पंचायतों में वित्त आयोग, स्वच्छ भारत मिशन या अन्य निधि में आए हुए पैसे के सम्पूर्ण व्यय का विवरण गाजीपुर की वेबसाइट पर उपलब्ध है जिसे वे स्वयं देख सकते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि यह पहली बार हो रहा है इसके पूर्व केवल ग्राम पंचायतों में प्राप्त धनराशि का ही उल्लेख होता था, लेकिन व्यय धनराशि का विवरण पहली बार आ रहा है।
इससे भ्रष्टाचार तथा वित्तीय अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा तथा गांव के लोग भी जागरूक होंगे कि उनके ग्राम में कब कौन-कौन से कार्याें पर कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई है। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधानों द्वारा जितने भी कार्य कराया जाएंगे या किया गया है और उन एक-एक कार्याें पर कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गयी है का प्रमाण पत्र संबंधित खंड विकास अधिकारी द्वारा दिया जाएगा। इसका मिलान जिला विकास अधिकार एवं जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा किया जाएगा। प्रमाण पत्र न देने की स्थिति में संबंधित खंड विकास अधिकारी का वेतन बाधित किया जाएगा।