बाबा गोरखनाथ मंदिर की भव्यता पर मोहित हुए जनरल बिपिन रावत, दरबार में नवाया शीश
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. अद्भुत, बेमिसाल, बहुत सुंदर। गोरखनाथ मंदिर को देख चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल (सीडीएस) बिपिन रावत के मुंह से सीधे तौर पर तो यह शब्द नहीं फूटे लेकिन इन शब्दों को उनके चेहरे के भाव बिन कहे ही बयां कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलावे पर रात्रि भोज के लिए मंदिर पहुंचे जनरल रावत ने परिसर के हर हिस्से को कौतूहल के साथ देखा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद उनके कौतूहल को शांत कर रहे थे और मंदिर के हर हिस्से की खूबी बता रहे थे।
मुख्यमंत्री ने जनरल को कराया मंदिर परिसर का भ्रमण
जनरल रावत पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक जब गोरखनाथ मंदिर पहुंचे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास से निकलकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। मुख्यमंत्री उन्हें लेकर सबसे बाबा गोरखनाथ के दरबार में गए, जहां जनरल रावत ने बाकायदा घुटने के बल बैठकर बाबा के चरणों में शीश नवाया। गुरु श्रीगोरक्षनाथ संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों के मुख से गूंज रहे वेद मंत्रों के बीच जनरल ने पूरे विधि-विधान से गोरखनाथ की पूजा-अर्चना की। उसके बाद शुरू हुआ परिसर भ्रमण का सिलसिला।
रात्रि भोज में शामिल होने को मंदिर पहुंचे बिपिन रावत
मुख्यमंत्री जनरल रावत को लेकर मंदिर परिसर में मौजूद सभी देव विग्रहों के दरबार गए, उन मंदिरों से जुड़ी आस्था की बारे में उन्हें जानकारी दी। मंदिर में जल रहे अखंड धूना के इतिहास के बारे में मुख्यमंत्री ने जनरल रावत को विस्तार से बताया। जनरल बारी-बारी से सभी ब्रह्मलीन महंतों के समाधिस्थल पर पर भी गए और उनके बारे में जानकारी लेकर नाथ पंथ से जुड़ी अपनी जानकारी को समृद्ध किया। करीब आधे घंटे तक मंदिर परिसर के भ्रमण के बाद जनरल रावत मुख्यमंत्री आवास के प्रथम तल पर पहुंचे, जहां रात्रि भोज का आयोजन था। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में शहर के गण्यमान्य लोगों के अलावा महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पदाधिकारियों और सदस्यों के साथ जनरल ने भोजन किया। रात नौ बजे वह मंदिर से एयरफोर्स परिसर के लिए रवाना हो गए।
सामाजिक समरसता देख अभिभूत हुए रावत
मंदिर भ्रमण के क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनरल बिपिन रावत को लेकर दिग्विजयनाथ स्मृति भवन भी गए। भवन के अंदर विभिन्न जाति-धर्म के गुरुओं की प्रतिमाओं को देखकर जनरल रावत अभिभूत हो गए। सामाजिक समरसता के प्रति नाथ पीठ का समर्पण उनके दिल को छू गया। मुख्यमंत्री ने उन्हें एक-एक प्रतिमा की जानकारी दी और उनकी स्थापना का औचित्य भी बताया।
उत्तराखंड और नेपाल के संतों की दी विशेष जानकारी
मुख्यमंत्री ने जनरल रावत को दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में मौजूद उन संतों के बारे से विशेष रूप से बताया, जिनका इतिहास उत्तराखंड या नेपाल से जुड़ा है। जनरल ने मुख्यमंत्री द्वारा दी जा रही हर जानकारी को काफी गौर से सुना और आत्मसात किया।
भोज में यह लोग रहे शामिल
प्रो. यूपी सिंह, राजेश मोहन सरकार, प्रथम नाथ मिश्र, चौधरी प्रमोद कुमार, गोरख प्रताप सिंह, धर्मेंद्र सिंह, रामजनम सिंह, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय, एम्स की निदेशक डा. सुरेखा किशोर, महापौर सीताराम जायसवाल, कर्नल वीपी शाही, मेजर जनरल शिव जसवाल, बिग्रेडियर गोपालजी मिश्र, बिग्रेडियर अजय पासबोला, बिग्रेडियर केपीबी सिंह, मेजर जनरल अतुल बाजपेयी, डा. राजेंद्र भारती, एयर कमाडोर आशीष, डा. शैलेंद्र प्रताप सिंह, डा. अरुण कुमार सिंह, डीएस. अजीथा।
जनरल ने पीया हल्दी वाला दूध
भोज में जनरल बिपिन रावत ने खाने की शुरुआत कार्न के सूप के साथ की। उसके बाद बड़े सादे ढंग से चावल, दाल, रोटी और सब्जी खाई। अंत में बिना चीनी का हल्दी वाला दूध पीया।
यह रहा भोजन का मीनू
- शाही पनीर
- आलू गोभी मटर लटपट
- पालक कॉर्न
- अरहर दाल / दाल नवरत्न
- दाल मखनी
- जीरा राइस
- पालक कचोड़ी
- तवा रोटी
- पापड़
- सलाद
- फ्रूट रायता/ दही बडा
- बाटी चोखा
- गाजर हलुआ
- टोमैटो सूप, कॉर्न सूप
रामजन्म भूमि की स्मृति वाला सिक्का देकर हुई विदाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनरल बिपिन रावत की गोरखनाथ मंदिर से रामजन्म भूमि की स्मृति वाला सिक्का, अंगवस्त्र और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्मारिका देकर विदाई की। जनरल रावत को विदा करने के लिए मुख्यमंत्री उनके वाहन तक गए।