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बुलेट ट्रेन के लिए लखनऊ में अंडर ग्राउंड सर्विसेज का सर्वे शुरू, कई एजेंसियां लगीं काम पर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन ने बुलेट ट्रेन के लिए अब राजधानी की अंडर ग्राउंड सर्विसेज को चिन्हित क उनका भी सर्वे शुरू करा दिया है। कॉरिडोर के रास्ते मे आने वाली सीवर, वाटर तथा ड्रेनेज की अंडर ग्राउंड लाइनों को शिफ़्ट किया जाएगा। इसके लिए कारपोरेशन ने एलडीए से भूमिगत सेवाओं के नक्शे लिए हैं। 

दिल्ली से वाराणसी तक बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी चल रही है। नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन ने इसका सर्वे शुरू करा दिया है। कई स्थानों व शहरों में एक साथ सर्वे शुरू हो गया है। बुलेट ट्रेन लखनऊ से भी होकर जाएगी। लिहाजा यहां जी से सर्वे का काम शुरू हुआ है। इस काम में कई एजेंसियां लगी हैं।


लखनऊ में बुलेट ट्रेन आगरा एक्सप्रेस वे से दाखिल होगी। कानपुर रोड अवध चौराहे, एलडीए कॉलोनी कानपुर रोड, सीजी सिटी, गोमतीनगर से फैज़ाबाद रोड होते हुए अयोध्या तक जाएगी। लखनऊ से बुलेट ट्रेन का एक कॉरिडोर प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक जाएगा। इन दोनों के रास्ते में एलडीए व आवास विकास की कई कॉलोनियां आ रही हैं। इन कॉलोनियों में तमाम सेवाएं भूमिगत हैं। जैसे सीवर लाइन, वाटर लाइन, बिजली की केबल, ड्रेनेज। इन सभी सेवाओं को बुलेट ट्रेन के लिए शिफ्ट करना होगा। इसीलिए नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन ने एलडीए से इसका पूरा प्लान मांगा था। प्राधिकरण ने इसे उपलब्ध भी कर दिया है।


एलडीए के प्लान के अनुसार 70 से ज्यादा स्थानों पर भूमिगत सर्विसेज को इसके लिए शिफ्ट करना होगा। जिन इलाकों से कॉरिडोर निकल रहा है उन सभी जगहों पर ड्रेनेज, सीवर व वाटर लाइन के नेटवर्क फैले हैं। 

 

शिफ्टिंग के लिए नयी जगह भी तलाशी जा रही

अंडर ग्राउंड सर्विसेज की शिफ्टिंग के लिए नयी जगह भी तलाशी जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक काम शुरू होने पर सबसे पहले नई लाइनें बिछाई जाएंगी। इनके बन जाने व चालू होने के बाद ही पुरानी लाइनों को तोड़ा जाएगा। इसका पूरा खर्च नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन ही वहन करेगा। 

 

शहरों में अंडर ग्राउंड व ओवर हेड चलेगी

बुलेट ट्रेन शहरों में अंडर ग्राउंड व ओवर हेड चलेगी। जबकि हाइवे व एक्सप्रेस वे के किनारे यह जमीन पर चेलेगी। इससे जुड़े एक अधिकारी ने बताया शहरों में जहाँ ज्यादा घनी आवादी व बिल्डिंग है वहाँ अंडर ग्राउंड बनाने की योजना है। जबकि जहां ज्यादा चौड़ी रोड हैं वहां ओवरहेड चेलेगी। पूरे कारिडोर के सर्वे का काम एक वर्ष में पूरा हो जाएगा। इसके बाद टेंडर व अन्य प्रक्रिया पूरी कर दो वर्षों के भीतर निर्माण शुरू हो जाएगा।

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