खेती-बाड़ी बेचकर पंचायत चुनाव में ताल ठोंकने की तैयारी, गांवों में जमीन की खरीद-बिक्री में आयी तेजी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. पंचायत चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रत्याशी इस बार जमकर खर्च करने वाले हैं। निबंधन विभाग के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन की खरीद-बिक्री बढ़ गई है। फरवरी में 6.67 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष लगभग छह करोड़ की जमीन की रजिस्ट्री हुई। इससे जिला प्रशासन को राजस्व की आय हुई। कोरोना काल में मंद पड़े रजिस्ट्री बाजार में पंचायत चुनाव के चलते तेजी की उम्मीद जग गई है।
वैश्विक महामारी ने सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया
रजिस्ट्री भी इससे अछूती नहीं रही। स्थिति यह हो गई कि निबंधन दफ्तर में सन्नाटा पसर गया। इक्का-दुक्का बैनामेदार ही पहुंचते थे। इससे राजस्व की काफी क्षति हुई। गत वर्ष मार्च से लेकर दिसंबर तक यही स्थिति रही। हालांकि जब से पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज हुई है तब से जमीन की खरीद-बिक्री में तेजी आ गई है। प्रधान, जिला पंचायत, ब्लाक प्रमुख व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर किस्मत आजमाने की तैयारी में जुटे संभावित उम्मीदवार मतदाताओं पर न्यौछावर करने के लिए पहले ही पैसे की व्यवस्था कर रहे हैं। किसी तरह पद पर आसीन होने की इस कदर लालसा है कि पुश्तैनी जमीन बेचने से भी गुरेज नहीं।
बहरहाल, इससे राजस्व का फायदा हो रहा है। वहीं निबंधन विभाग को गत महीनों में हुए राजस्व घाटे की भरपाई की उम्मीद है। अधिकारियों के अनुसार चुनाव संपन्न होने तक रजिस्ट्री में तेजी की उम्मीद है। मार्च और अप्रैल माह में भी रजिस्ट्री ग्राफ बढ़ा रहेगा। इससे काफी राहत मिलेगी। दरअसल, अनलाक में जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया तो शुरू हुई लेकिन आर्थिक मंदी की ऐसी मार रही कि इसका कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। विभाग हर माह शासन से निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे रहा। फरवरी माह में रजिस्ट्री बढऩे से उम्मीद जगी है।
बोले अधिकारी : फरवरी माह में जमीन की रजिस्ट्री में तेजी आई है। विभाग के लक्ष्य के सापेक्ष 90 फीसद लक्ष्य पूरा किया। पंचायत चुनाव के चलते ग्रामीण इलाकों में जमीन की खरीद-बिक्री बढ़ी है।