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गन्ने के जूस में मिला वोटरों को बांटी ‘चुनावी शराब’, 10 की मौत, 2 अरेस्ट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मेरठ. प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान जहां प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर आबकारी विभाग का तमाम अमला पिछले कई महीनों से नकली शराब पर शिकंजा कसने के दावे कर रहा था। वहीं मेरठ जिले में पंचायत चुनाव के मतदान से दो दिन पहले प्रधान प्रत्याशियों की बांटी गई जहरीली शराब पीने से तीन दिन में 10 ग्रामीणों की मौत हो गई। शुरुआती दौर में घटना पर पर्देदारी कर रहा प्रशासनिक अमला मामला हाईलाइट होते ही अलर्ट मोड में आ गया। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में अपनी तरफ से तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए दो प्रधान प्रत्याशियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी के साथ शराब के दो ठेकों को सील करते हुए पुलिस अब जांच में जुट गई है।

दरअसल मेरठ में 26 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान होना था। मगर इससे पहले जिले के इंचौली थाना क्षेत्र के सधारणपुर गांव से प्रधान पद के दो प्रत्याशियों ने बीती 24 अप्रैल को गांव में शराब बांटी। जिसके बाद मंगलवार की दोपहर तक एक के बाद एक 10 ग्रामीणों ने दम तोड़ दिया। गांव के रहने वाले बिजेंदर और उसके बेटे दीपक की मौत के बाद शुरू हुआ मौत का तांडव 72 घंटे तक जारी रहा। जिसके बाद नीरज पुत्र नत्थू, कपिल पुत्र विजय राज, मनवीर पुत्र राजपाल, रकम सिंह पुत्र इकराम, बृजभूषण पुत्र हरपाल, बॉबी पुत्र शेर सिंह और सुमित पुत्र भगवत की भी मौत हो गई।


बीमारी से मौत बताकर पल्ला झाड़ती रही पुलिस

हैरत की बात है कि गांव में एक के बाद एक लगातार मौत होती रहीं, मगर पुलिस इन सभी मौत को 'बीमारी' से हुई मौत बता कर पल्ला झाड़ती रही। लापरवाही का आलम यह था कि पुलिस ने इनमें से किसी भी मृतक के शव का पोस्टमार्टम तक कराना गवारा नहीं समझा। यहां तक कि जब मामले ने तूल पकड़ा तब पुलिस ने सभी मृतकों के परिवरों से मौत का कारण 'बीमारी' लिखवा कर अपना दामन बचाने का काम शुरू कर दिया।


आनन-फानन में गिरफ्तार किए 2 प्रधान प्रत्याशी

उधर, जब लगातार दो दिन तक यह मामला सुर्खियों में बना रहा तो आखिरकार मंगलवार को जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार और एसपी देहात केशव मिश्रा गांव में पहुंचे। पुलिस ने मृतकों के परिवार वालों से पूछताछ करते हुए आनन-फानन में गांव में रहने वाले दो प्रधान प्रत्याशियों को गिरफ्तार कर लिया। इसी के साथ शराब के खाली पव्वों को कब्जे लेकर मामले की जांच शुरू कर दी।


गन्ने के जूस में मिलाकर बांटी थी शराब

एसपी देहात केशव मिश्रा ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने गांव के रहने वाले प्रधान प्रत्याशी संजय और महाराज सिंह को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि इन दोनों प्रत्याशियों ने वोटिंग से दो दिन पहले गांव में गन्ने के जूस का ठेला लगवा कर ग्रामीणों को जूस में मिलाकर शराब पिलाई थी। जिसके बाद कई ग्रामीणों की हालत बिगड़ती चली गई। इस मामले में मृतकों के परिजनों ने किसी कार्रवाई से इंकार कर दिया है।


शराब की सप्लाई करने वाला फरार..हत्या का केस दर्ज

इंस्पेक्टर इंचौली की तरफ से इंचौली थाने में ग्राम प्रधान प्रत्याशी महाराज सिंह और संजय सहित उन्हें शराब सप्लाई करने वाले अमित उर्फ बॉबी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें से महाराज सिंह और संजय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ बॉबी की तलाश जारी है।


दोनों ठेकों को किया गया सील

एसपी देहात ने बताया कि पूछताछ के दौरान दोनों प्रत्याशियों ने बताया कि यह शराब उन्होंने गंगानगर और भावनपुर के देसी शराब के ठेकों से खरीदी थी। गांव से बरामद हुए शराब के खाली पव्वों का बारकोड स्कैन करने के बाद शराब के इन दोनों ठेकों को भी सील कर दिया गया है। उधर, 10 मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। बुधवार को भी गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा रहा।

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