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मनबढ़ रोडवेजकर्मी नहीं मानते आदेश, बस अड्डे पर यात्रियों को कर रहे बीमार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अपने चरम पर है। इस लहर में मरने की वालों की संख्या पिछली बार से अधिक है। लोग डरे-डरे हैं। ज्यादातर लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकलना चाह रहे हैं। वहीं, रोडवेज बस स्टैंड पर कोविड-19 की धज्जियां उड़ाई जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था और तैयारी पूरी तरह से ध्वत हो चुकी है। यात्रियों और कर्मचारियों को संक्रमित होने से बचाने के लिए लागू स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का पालन नहीं हो रहा।

किसी को कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है, जिसको जिधर से मन कर रहा है उधर से निकल जा रहा है। सुरक्षा पर लगाए गए कर्मचारी अपने निर्धारित स्थान पर नहीं बैठ रहे हैं। पीपीई किट होने के बावजूद असुरक्षित तरीके से यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग कराई जा रही है। दूसरी तरफ, गैर जनपद से आई बसें स्टैंड के बाहर से ही सवारियां भर रही है।


खूटियों पर पीपीई किट

रोडवेज कर्मचारियों की सुरक्षा और सेहत की चिंता करते हुए अनलॉक में तत्कालीन प्रबंध निदेशक डा. राजशेखर ने सभी डिपो को पीपीई किट जारी किया था। रोडवेज बस स्टैंड पर भी सैनिटाइज कार्य से जुड़े कर्मचारियों में भी ये किट बांटे गए। दो दिन बाद ही यह किट उनके शरीर से उतर गए। कर्मचारियों की माने तो गर्मी के चलते उन्होंने किट निकाल दिया। कर्मचारियों को मिले पीपीई किट परिसर में खूटियों पर टंगे हैं।


बगैर सैनिटाइज बसों में बैठा रहे सवारी

रोडवेज बस स्टैंड के ठीक प्रवेश द्वार से सवारी बैठा रहे चालक और परिचालकों का तर्क काफी जुदा है। कोविड-19 के तहत जारी दिशा निर्देश से बेखबर गैर जनपद के परिचालकों की मानें तो उन्हें परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाता। बाहर से ही सवारी बैठाना उनकी मजबूरी है, जबकि तत्कालीन प्रबंध निदेशक डा. राजशेखर ने बिना थर्मल स्कैनिंग के यात्रियों को बस में न बैठाने की हिदायत दी है।

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