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कहानी: कूड़ेदान

रोहित काफी समय से शादी का झांसा दे कर नेहा का शारीरिक शोषण कर रहा था, लेकिन नेहा ने ऐसी क्या चाल चली जिससे उस की काली करतूतों का पर्दाफाश हुआ?

रोहित ने नेहा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा और उस ने झट से हां कर दी. रोहित को वह बहुत पसंद करती थी. हो भी क्यों न, रोहित आईआरएस यानी भारतीय राजस्व सेवा का क्लास वन अफसर था. उस पर वह बेहद आकर्षक और शिष्ट भी था. रोहित के प्रस्ताव से नेहा को लगा जैसे उस ने जग जीत लिया है. झट से उस ने मम्मी को फोन लगाया और सब कह सुनाया. नेहा की बात सुन कर मम्मी भी खुशी से झूम उठीं. नेहा दिल्ली में एक प्रतिष्ठित एयरलाइंस में काम करती थी. रोहित भी इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर असिस्टैंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत था. दोनों शाम का समय साथ ही बिताते थे. शादी के प्रस्ताव के बाद नेहा अकसर रोहित के फ्लैट पर ही रुक जाया करती थी.


रोहित का घर चंडीगढ़ में था. मम्मीपापा वहीं नौकरी करते थे. एक भाई था जो पोलियो से ग्रस्त था. रोहित नेहा से कहा करता था कि भाई की देखभाल और मम्मीपापा की नौकरी की वजह से वे लोग दिल्ली नहीं आ पाते हैं. जैसे ही उस के घर वाले समय निकाल कर दिल्ली आएंगे वह अवश्य नेहा को उन से मिलवाएगा. दिन जैसे पंख लगा कर उड़ने लगे. धीरेधीरे 2 साल बीत गए परंतु अभी तक रोहित ने बात आगे नहीं बढ़ाई. यही नहीं, रोहित नेहा के मम्मीपापा से भी मिलने को तैयार नहीं होता था. वह आईएएस अफसर बनने की तैयारी कर रहा था लेकिन हर बार उसे आईआरएस ही मिलता था.


नेहा को उस की सफलता देख कर खुशी होती थी, लेकिन रोहित अपनी रैंक में सुधार न होते देख झुंझला जाता था. नेहा इस स्थिति में उस से शादी की बात करना श्रेयस्कर नहीं समझती थी. अब तक नेहा की अधिकांश सहेलियों की शादी हो चुकी थी. इसलिए नेहा भी अब इंतजार से उकता चुकी थी. अचानक एक दिन उस की मुलाकात सुप्रिया से हुई. सुप्रिया रोहित के चचेरे भाई की मंगेतर थी. दोनों पहले भी कई बार मिल चुकी थीं. अचानक काफी दिन बाद मुलाकात होने के कारण नेहा ने लपक कर उसे गले लगाया, ‘‘हाय बेबी, ग्लैड टू मीट यू.’’ नेहा को पता था कि जल्दी ही रोहित के भाई से उस की शादी होने वाली है.


‘‘ओह, सेम हेयर,’’ सुप्रिया ने उस से पूछा, ‘‘खैर, अच्छा लगा तुम्हें खुश देख कर. मुझे तो लगा था कि तुम काफी नाराज होंगी.’’ ‘‘नाराज, पर क्यों? क्या हुआ, तुम क्या बात कर रही हो सुप्रिया. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है,’’ नेहा कुछ भी नहीं समझ पाई थी कि क्यों सुप्रिया उसे इस तरह देख रही है. उस में पहले वाला अपनापन तो बिलकुल नहीं लग रहा था.


अब सुप्रिया भी अचकचा गई. फिर भी उस ने बताया, ‘‘रोहित की शादी पक्की होने की बात तुम्हें पता है न.’’ नेहा की तो काटो तो खून नहीं वाली स्थिति हो गई थी. उस की हालत देख कर सुप्रिया भी घबरा गई थी. वैसे भी वह किसी अप्रिय स्थिति में नहीं पड़ना चाहती थी.


‘‘मुझे जल्दी घर पहुंचना है,’’ बहाना बना कर सुप्रिया झट से चलती बनी.


नेहा सीधे रोहित के फ्लैट पर पहुंची. रोहित किसी पार्टी में जाने की तैयारी कर रहा था.


‘‘रोहित, तुम्हारी शादी तय हो गई,’’ नेहा अपनेआप को संभाल नहीं पा रही थी.


‘‘देखो डियर, मैं ने मम्मीपापा से तुम्हारे बारे में बात की थी. लेकिन वे लोग लव मैरिज के सख्त खिलाफ हैं और किसी भी हालत में तुम्हें स्वीकार नहीं करेंगे,’’ रोहित ने बताया और रोने लगा.


‘‘बंद करो यह ड्रामा. तुम्हारे चचेरे भाई की तो लव मैरिज हो रही है और अगर ऐसा है भी तो मुझे बरबाद करने से पहले एक बार अपने मम्मीपापा से पूछ लिया होता,’’ नेहा ने चिल्लाते हुए कहा.


‘‘धीमे स्वर में बात करो नेहा, मेरी सोसायटी में इज्जत है. देखो नेहा, बात को समझो. मेरा परिवार है और जिम्मेदारी भी है. मुझे सिविल सर्विस में चयनित जीवनसाथी ही चाहिए था.’’


रोहित ने नेहा से कहा तो उसे जैसे अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हुआ. उस की आंखों से अश्रुधारा फूट पड़ी. उसे ऐसा लग रहा था जैसे वह सिर्फ इस्तेमाल करने की वस्तु है.


नेहा रोते हुए अपना बैग उठा कर अपने फ्लैट में आ गई. रोहित को तो बिलकुल भी यकीन नहीं था कि इतनी आसानी से नेहा से उस का पिंड छूट जाएगा. पार्टी में दोस्तों से उस ने कहा भी, ‘‘यार, मुझे तो लगा था कि नेहा ये सब सुन कर मुझ पर टूट पड़ेगी, लेकिन वह तो चुपचाप अपने घर चली गई.’’


‘‘ध्यान रखना रोहित, कहीं पुलिस केस न हो जाए,’’ रोहित के एक दोस्त ने उसे आगाह करते हुए कहा.


‘‘यार, मैं फ्री में थोड़े न उस के हाथ लग जाता. 4 साल से तैयारी की है मैं ने आईएएस बनने के लिए. चली भी गई तो जाए, पुलिस स्टेशन में कोई अपना ही बैचमेट बैठा होगा,’’ रोहित ने बेफिक्री से कहा.


पार्टी खत्म होने के बाद जब रोहित घर पहुंचा तो उसे अपने फ्लैट के पास पुलिस दिखी. देखा तो पुलिस के साथ नेहा भी थी.


थाने में एसीपी सुधांशु को देख कर रोहित की जान में जान आ गई. सुधांशु उस का बेहद प्रिय दोस्त जो था.


उधर, नेहा कह रही थी, ‘‘सर, इस ने मेरा भरपूर शोषण किया है. मैं पूरी तरह टूट चुकी हूं.’’


‘‘यार सुधांशु, यह लड़की जबरदस्ती मेरे गले पड़ रही है. इस ने मेरे पैसों से ढेर सारी शौपिंग की है और अब पूरी जिंदगी मुफ्त का ऐशोआराम चाहती है,’’ रोहित अब नीचता पर उतर आया था.


‘‘मैडम, आप की शिकायत पर पुलिस कार्यवाही कर रही है. हम चार्जेज लगा रहे हैं. आप परेशान मत होइए.’’


एसीपी दोस्त जैसा बरताव न कर के रोहित से अपराधी की तरह बात कर रहा था. यह देख कर रोहित के होश उड़ गए.


‘‘देखो नेहा, तुम जितना चाहो मैं तुम्हें पैसा दूंगा, पर तुम से शादी नहीं कर सकता. प्लीज, मेरी बहुत बदनामी होगी. तुम पुलिस से अपनी शिकायत वापस ले लो.’’


नेहा तो जैसे पागल ही हो गई. उस ने एक जोरदार तमाचा जड़ते हुए रोहित के मुंह पर थूक दिया, ‘‘तुम्हारी ही इज्जत है, मेरी तो कोई इज्जत नहीं है.’’


पुलिस स्टेशन में मौजूद किसी भी पुलिसकर्मी ने नेहा को नहीं रोका. रोहित को लगा कि सभी इस सीन का आनंद ले रहे हैं. उधर, सुधांशु रोहित को हिकारत भरी नजरों से देख रहा था. रोहित के सामने ही नेहा ने दर्जनों फोटोग्राफ्स, कार्ड्स, वीडियोज इत्यादि रख दिए. इन वीडियोज में रोहित ने कई जगह नेहा को माई डियर वाइफ कह कर संबोधित किया था. रोहित इस स्थिति के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं था.


‘‘ओह, ठीक है, मैं शादी के लिए तैयार हूं,’’ निराश हो कर रोहित ने नेहा से कहा.


अचानक एक झन्नाटेदार थप्पड़ फिर रोहित के गाल पर पड़ा. नेहा ने उस के चेहरे पर दोबारा थूकते हुए कहा, ‘‘तुम से कौन करेगा शादी, चल निकल यहां से.’’


इस बार नेहा जब पुलिस स्टेशन से बाहर निकली तो उस का गर्व उस के साथ था. वहीं रोहित बेइज्जती के कारण खुद को कूड़ेदान महसूस कर रहा था.

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