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25 साल तक की सेवा, लेकिन कंधा देने नहीं आया व्यापारी का परिवार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बड़ी पियरी के एक व्यापारी के परिवार की 25 साल तक सेवा करने वाले गोविंदा (काल्पनिक नाम) की कहानी अभिनेता राजेश खन्ना की फिल्म ‘स्वर्ग’ की तरह है। फर्क सिर्फ इतना है कि स्वर्ग फिल्म में गोविंदा को चोरी आरोप में राजेश खन्ना ने घर से बाहर निकाल दिया था। लेकिन वाराणसी के गोविंदा की कहानी फिल्मी नहीं है। गोविंदा की मौत के बाद उसकी अर्थी को कंधा देने के लिए किराये पर चार लोगों को बुलाया गया था। व्यापारी के परिवार का एक सदस्य भी उसे कंधा देने के लिए आगे नहीं आया।

तीन दिन तक तड़पता रहा

गोविंदा को दो दिनों से उल्टी और दस्त हो रही थी। इससे उसका शरीर कमजोर हो गया था। व्यापारी और उसके परिवार वाले उसे अस्पताल में भर्ती कराने की बजाए, बिना डॉक्टर से पूछे उसे दवा खिलाते रहे। तीन दिनों तक वह तड़पता रहा। अंत में शनिवार को उसने दम तोड़ दिया।


कंधा देने के इंतजार में दो घंटे पड़ा रहा शव

मौत के बाद भी गोविंदा के शरीर को कष्ट उठाना पड़ा। मोहल्ले के लोग तो दूर व्यापारी का परिवार उसे कंधा देने आगे नहीं आ रहा था। इसके चलते दो घंटे तक उसका शव कमरे में पड़ा रहा।


अमन कबीर की टीम ने किया दाह संस्कार

असहाय लोगों की मदद करने वाले अमन कबीर को जब इसकी जानकारी मिली तो वह अपनी टीम के साथ व्यापारी के घर पहुंच गये। अमन कबीर की टीम ने पूरे रिवाज के साथ गोविंदा का दाह संस्कार किया।


भारत पेट्रोलियम के सीनियर मैनेजर को भी नहीं मिला अपनों का कंधा

आज भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) मुग़लसराय में सीनियर मैनेजर पद पर कार्यरत 54 वर्षीय अभिजीत दास की कोरोना संक्रमण से सोमवार को मौत हो गयी। परिवार में उनकी पत्नी के अलावा यहां कोई नहीं था। एक बेटा उड़ीसा में पढ़ रहा है। स्थानीय अधिकारी अंतिम संस्कार के लिए परेशान हो गए। असली दिक्कत यह थी कि दाह संस्कार कैसे होगा। इनके साथ काम करने वाले ने अमन कबीर से संपर्क किया। अमन की मदद डॉ०प्रमोद पाण्डेय जो सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष हैं, ने मदद की। इसमें अमन और उनकी टीम ने मुखाग्नि देकर अंत्येष्टि की।

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