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गाजीपुर समेत पूर्वांचल में हालात भयावह और कोरोना बेकाबू, गांवों में रोज हो रही मौतें

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर समेत पूर्वांचल के कई जिलों में हालात भयावह, कई जिलों के गांवों में फैला कोरोना संक्रमण, जौनपुर, सोनभद्र में हालात बेकाबू, गांवों में रोज हो रही मरीजों की मौत, जांच न होने से कोविड का पता ही नहीं चल रहा, बुखार, सांस की परेशानी वाले मरीजों की मौत, गांवों में रोजाना भारी संख्या में मौतें हो रही, गांवों में इलाज और जांच की कोई व्यवस्था नहीं, ग्रामीण इलाकों में हो रही मौतों से सहमे लोग।

गाजीपुर जिले में सोमवार को गंगा घाटों के दो किमी के दायरे में 24 से अधिक शव तीन-चार दिनों से उतराए पड़े मिले. सड़न एवं दुर्गंध के बाद तटवर्ती इलाके के लोगों को जानकारी हुई तो उन्होंने सूचना पुलिस को दी।  शाम करीब छह बजे एसडीएम रमेश मौर्या एवं एसपी ग्रामीण गंगा घाट पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट रहे।


जिला अस्पताल में मंगलवार से आक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। हालांकि अभी इसका उपयोग मरीजों के लिए नहीं किया जाएगा। मंगलवार को आक्सीजन का सैंपल जांच के लिए गुड़गांव भेजा जाएगा। वहां से ओके होने के बाद इसे मरीजों को देना शुरू कर दिया जाएगा। कंपनी के इंजीनियरों ने दिन-रात लगकर इस प्लांट को पूरा किया है।


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जिला अस्पताल का जब भवन बना था, तभी सभी वार्डों में सेंट्रल आक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था की गई थी ताकि रोगियों को आवश्यकता पड़ने पर तत्काल यह सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। हालांकि आक्सीजन प्लांट स्थापित नहीं हो पाने के कारण यह सुविधा शुरू नहीं हो पाई। अब जब अधूरे पड़े आक्सीजन प्लांट को पूरा कर लिया गया है। इससे सेंट्रल आक्सीजन सप्लाई शुरू होगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो शीघ्र ही रोगियों को यह सुविधा मिलने लगेगी। सेंट्रल आक्सीजन सप्लाई शुरू होने से यहां बेकार पड़े वेंटिलेटर भी सही तरीके से काम करने लगेंगे। कहने को तो जिला अस्पताल में 22 वेंटिलेटर बेड हैं, लेकिन वह सिलेंडर वाले आक्सीजन से सही काम नहीं करते। वेंटिलेटर के लिए सेंट्रल आक्सीजन सप्लाई आवश्यक होती है।

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