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पहली बार मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में दलित प्रत्याशी बना प्रधान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, इटावा. उत्तर प्रदेश के इटावा में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई से उनके परिवार की ओर से समर्थित प्रधान पद के उम्मीदवार रामफल बाल्मीकि निर्वाचित हो गए हैं. ये जीत कितनी बड़ी रही, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रामफल बाल्मीकि को 3877 मत मिले, जबकि विनीता नामक महिला को मात्र 15 वोट मिले.

मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में पहली बार आजादी के बाद मतदान हुआ है. इससे पहले कभी भी सैफई में मतदान नहीं हुआ था. हमेशा प्रधान पद का चुनाव निर्विरोध निर्वाचन के जरिए ही होता रहा है. आजादी के बाद पहली दफा दलित जाति का कोई प्रधान मुलायम सिंह यादव के गांव में बना है. 1971 से मुलायम सिंह यादव के दोस्त दर्शन सिंह यादव लगातार सैफई गांव के प्रधान निर्वाचित होते चले आए हैं. पिछले साल 17 अक्टूबर को उनके निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी. फिर सामान्य पंचायत चुनाव में सैफई गांव के प्रधान पद को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया.


अखिलेश के चचेरे भाई भी जीत की तरफ बढ़े

वही दूसरी तरफ मुलायम परिवार के लिए एक और खुशी इंतजार कर रही है. दरअसल सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव आसानी से एकतरफा जीत की तरफ बढ़ रहे हैं. अभिषेक यादव 3780 मतों से आगे चल रहे हैं. 10वें राउंड की मतगणना तक अभिषेक यादव को 4125 मत मिले हैं, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के राहुल यादव को 345 मत हासिल हुए हैं. बता दें अभिषेक यादव सैफई द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवार हैं. वहां यहां से निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं.

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