Today Breaking News

Ghazipur: कोरोना से गाजीपुर जिले में 257 अभिभावकों के बच्चे बेसहारा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. संक्रमण काल में अनाथ हुए बच्चों की देखरेख के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पिछले एक साल के दौरान संक्रमण से जिले में ऐसे कुल 257 अभिभावकों की मौत हुई है जिनके बच्चे बेसहारा हुए हैं। 

जिला प्रशासन की टीम ने शुक्रवार को गांवों का दौरा किया और अनाथ बच्चों से संबंधित जानकारियां जुटाईं। 10 टीमों ने 75 नाबालिग बच्चों को चिह्नित किया। सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट के आधार पर 24 नाबालिगों को जरूरी मदद के योग्य पाया गया है। प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, लाभ उन नाबालिगों को ही मिलेगा जिनके माता-पिता या किसी एक की कोरोना से मौत हो गई है। इसके लिए कोरोना जांच के सभी कागजों के साथ मृत्यु प्रमाण-पत्र होना जरूरी है। इस स्थिति में दो लाख से कम सालाना आमदनी वाले नाबालिगों को अटल आवासीय विद्यायल और बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाएगा। 

10 साल से कम उम्र होने पर बच्चों के संरक्षक के बैंक खातों में चार हजार प्रतिमाह भेजा जाएगा। व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को लैपटाप मुहैया कराया जाएगा। ऐसे ही बालिकाओं की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये की राशि दी जाएगी। जिला प्रोवेशन अधिकारी अनिल कुमार सोनकर ने बताया कि महिला कल्याण विभाग को कोरोना के दौरान मरने वाले अभिभावकों के बच्चों से जुड़ी जानकारी जुटाने का जिम्मा दिया गया है। जिला चिकित्साधिकारी ने 257 अभिभावकों की कोरोना का आंकड़ा दिया था। टीम ने शुक्रवार को सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट सौंपी है। टीमों ने 75 नाबालिगों को चिह्नित किया है। जिनमें से 24 को मदद दी जा रही है।

'