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यूपी में कोरोना की दूसरी लहर के 92 फीसद मरीजों में मिला डेल्टा वेरिएंट, बढ़ी सर्तकता

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माने जा रहे डेल्टा वायरस ने ही उत्तर प्रदेश में भी कहर बरपाया। सूबे के जिन 355 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई उनमें से 327 में डेल्टा वायरस पाया गया। यानी 92 फीसद सैंपल में डेल्टा वायरस पाया गया। अभी एक हजार सैंपल के नतीजे आने बाकी हैं। दूसरी लहर में मिले डेल्टा वेरिएंट ने कोरोना की पहली लहर में पाए गए अल्फा वेरिएंट के मुकाबले काफी तेजी से संक्रमण फैलाया। अब डेल्टा प्लस वेरिएंट से बचने के लिए हमें दूसरी लहर से सबक लेना होगा।

अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बड़ी संख्या में लोगों में पाए गए डेल्टा वेरिएंट को देखते हुए लोगों को सलाह दी है कि वह दो मास्क जरूर लगाएं और दो गज की शारीरिक दूरी के नियम का सख्ती से पालन करें, ताकि तीसरी लहर से बचा जा सके। द इंडियन सार्स कोविड-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (आइएनएसएसीओजी) द्वारा जीनोम सिक्वेंसिंग से संबंधित यह रिपोर्ट जारी की गई है। उधर, 327 में से सिर्फ 28 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग में अल्फा वेरिएंट पाया गया।


कोरोना की दूसरी लहर से लेना होगा सबक : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के माइक्रोबायोलाजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शीतल वर्मा कहती हैं कि डेल्टा वेरिएंट के कारण ही यूपी में अप्रैल और मई 2021 में संक्रमण की रफ्तार काफी तेज रही। यही नहीं इसने रोगियों के फेफड़ों पर ज्यादा खराब असर डाला और लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित किया। अल्फा वेरिएंट से एक व्यक्ति जितने लोगों को संक्रमित कर रहा था, उससे कहीं ज्यादा डेल्टा वेरिएंट से हुआ। यही कारण है कि दूसरी लहर में प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो गए। फिलहाल अब डेल्टा प्लस वेरिएंट से बचने के लिए हमें दूसरी लहर से सबक लेना होगा। बेवजह भीड़-भाड़ एकत्र न करें। साबुन पानी और सैनिटाइजर से बार-बार हाथ को साफ करें और बचाव के सभी जरूरी उपाय जरूर करें।


डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर यूपी में बढ़ी सर्तकता : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट का पता लगाने के लिए ज्यादा से ज्यादा सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लखनऊ में स्थित सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआइ) और नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (आइजीआइबी) में भी जांच शुरू करने के निर्देश दिए। वाराणसी स्थित बीएचयू, ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स व नोएडा स्थित चाइल्ड पीजीआइ में भी जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू करने की तैयारी पहले ही की जा रही है। फिलहाल 11 राज्यों में कोरोना के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट के पाए जाने के बाद यूपी में सर्तकता बढ़ा दी गई है।


अब 11 और जिलों में होगी कोरोना की आरटीपीसीआर जांच : कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए यूपी सरकार ने कमर कस ली है। अब 11 और जिलों में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच हो सकेगी। यहां बायो सेफ्टी लेवल (बीएसएल) टू की लैब स्थापित की गई हैं। जिन 11 जिलों में यह लैब स्थापित की गई हैं उनमें औरैय्या, महोबा, बुलंदशहर, अमेठी, सिद्धार्थनगर, देवरिया, बिजनौर, कासगंज, मऊ, कुशीनगर और सोनभद्र शामिल है। अब कुल 45 जिलों में आरटीपीसीआर जांच लैब स्थापित हो चुकी हैं। बाकी 30 जिलों में भी तीन महीने के भीतर आरटीपीसीआर जांच के लिए लैब स्थापित कर दी जाएगी।

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