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दुनिया के शीर्ष 1000 रैंकिंग वाले शैक्षणिक संस्थानों की सूची से बाहर हुआ काशी हिंदू विश्वविद्यालय

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, 2022 में टॉप -1000 संस्थानों की सूची से बाहर आ गया है। विगत छह वर्ष के आंकड़ों को देखे तो बीएचयू पहली बार इस श्रेणी से बाहर हुआ है। पिछले साल 2021 की रैंकिंग में बीएचयू 801-1000 वाली श्रेणी में था मगर इस साल विश्वविद्यालय नीचे खिसककर 1001-1200 वाले शैक्षणिक संस्थानों यानी कि रैंकिंग के सबसे अंतिम श्रेणी में आ चुका है।

बीएचयू वर्ष 2015 में दुनिया के शीर्ष 750 शैक्षणिक संस्थानों में था, जो कि 2017 तक कायम रहा उसके बाद 801-1000 और अब 1200 में अपनी जगह बना पाया है। क्यूएस रैंकिंग एकेडममिक स्तर पर शिक्षा व शोध जगत की सबसे बड़ा मूल्यांकन माना जाता है। यह हर वर्ष टॉप 1000 विश्वविद्यालय व शैक्षणिक संस्थानों की सूची जारी करता है। इसके साथ ही एक हजार से अधिक रैंक पाने वाले 300 संस्थानों की भी सूची जारी करता है। इस आकलन में एकेमडिक रेपुटेशन, प्रति फैकल्टी साइटेशन (स्तरीय शोधकर्ता), एंप्लॉयर रेपुटेशन, छात्र-शिक्षक अनुपात रिसर्च, अंतरराष्ट्रीय अध्यापक और छात्र अनुपात शामिल किया जाता है। इस साल बीएचयू के शोध पर कोरोना महामारी का भी असर रहा, मगर ऐसे में भी दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू आदि टॉप 600 में अपना स्थान बनाने में सफल रहे हैं। वहीं   की रैंक 277 रही। आइआइटी-बॉम्बे 177, आइआइटी-दिल्ली 185 और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बंगलुरू को 186वीं रैंक मिली।


काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान ने वर्ष 2020 के सबसे बेहतर शोधकर्ताओं का चयन किया


काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान ने वर्ष 2020 के सबसे बेहतर शोधकर्ताओं का चयन किया है। इनमें कुल नौ वैज्ञानिक शामिल किए गए हैं। इन शोधकर्ताओं का चयन भौतिक शास्त्र के प्रोफेसर यशवंत सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने किया है। आम तौर पर विश्वविद्यालय की समिति इस वर्ग में चयनित शोधकर्ताओं की घोषणा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी को करती है। इस बार कतिपय कारणों से ऐसा नहीं हो सका था। समिति ने जिन नौ शोधकर्ताओं को सबसे बेहतर और उत्पादक शोधकर्ता के रूप में चयनित किया है, उनमें 55 वर्ष आयु से अधिक वाले श्रेणी एक में शामिल हैं, रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मायाशंकर सिंह, बायोटेक्नालोजी स्कूल के प्रोफेसर अरविंद मोहन कायस्थ, भूगर्भ विज्ञान के प्रोफेसर राजेश कुमार श्रीवास्तव। 40 से 55 वर्ष आयु वर्ग की दूसरी श्रेणी के शोधकर्ताओं में चयनित किया गया है, रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर वी. गनेशन को, जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे और भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अंचल श्रीवास्तव को। 40 वर्ष आयु वर्ग से नीचे वाले वर्ग तीन में बायोकेमिस्ट्री विभाग के डा. ओमप्रकाश सिंह, महिला महाविद्यालय की भौतिक वर्ग की डा. मानसी घोष और वनस्पति विज्ञान विभाग के डा. भानुप्रकाश को चयनित किया गया है।


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