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मायके में पत्नी पर नजर रखने को 'लड़की' बन गया बनारस का असिस्टेंट प्रोफेसर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. आगरा में रहने वाली पत्नी पर नजर रखने के लिए उसका असिस्टेंट प्रोफेसर पति लड़की बन गया। फेसबुक पर लड़की के नाम से फर्जी आइडी बना ली। असिस्टेंट प्रोफेसर पत्नी के रिश्तेदारों को फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजकर दोस्ती कर ली। उनके माध्यम से पत्नी की जासूसी और नजर रखने लगा। इस दौरान कई बार शक होने पर पत्नी को वीडियाे काॅल करके उसकी लाेकेशन जानने का प्रयास करता। असिस्टेंट प्रोफेसर दंपती के बीच इतना विवाद इतना बढ़ा कि मामला थाने तक पहुंच गया। पत्नी ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है।

आगरा के एक महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की शादी अप्रैल 2019 में हुई थी। पति भी वाराणसी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर के अनुसार वह शादी के बाद करीब डेढ़ महीने ससुराल में रहीं। इस दौरान पति ने उनका आर्थिक उत्पीड़न किया। उनका एटीएम लेकर रुपये निकाल लिए। वह उन पर मकान के लिए लोन लेने का दबाव बनाने लगा। पति ने उन पर बात-बात पर शक करता। मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न से परेशान होकर वह मायके चली आईं।


इस पर असिस्टेंट प्रोफेसर पति ने उन पर नजर रखने के लिए लड़की के नाम से फेसबुक पर आइडी बना ली। उनके रिश्तेदारों व सहेलियों को फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजकर उनसे दोस्ती कर ली। वह रिश्तेदारों और सहेलियों से उनके बारे में जानकारी करने लगा। वह कहां जाती ह्रैं, क्या करती हैं, किन लोगों से मिलती हैं, यह सब जानने का प्रयास करता। इस दौरान पति को यदि उन पर शक होता तो वह वीडियो कॉल कर देता। उनसे अपनी लाेकेशन बताने की कहता। हद ताे तब हो गई, जब असिस्टेंट प्रोफेसर पति ने अपने साथ उनके व्यक्तिगत फोटो परिचितों को भेज दिए।


उन्होंने पति से इस पर एतराज जताया। इस पर पति और ससुराल वाले उन पर दोबारा मकान का लोन लेने के लिए दबाव बनाने लगे। असिस्टेंट प्रोफेसर पत्नी ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, आइटी एक्ट की धारा में महिला थाने में पिछले साल अक्टूबर में मुकदमा दर्ज कराया था। असिस्टेंट प्रोफेसर के अनुसार अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते उन्होंने एसएसपी के यहां शिकायत की है।


विवाह विज्ञापन देख भेजा था रिश्ता, नहीं बनी थी बात

असिस्टेंट प्रोफेसर पत्नी के परिवार ने उनके विवाह के लिए विज्ञापन दिया था। इस पर वाराणसी में रहने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर के रिश्तेदार ने उनका बायोडाटा भेजा था। मगर, तब बात नहीं बनी थी। लड़की वालों काे रिश्ता पसंद नहीं आया। उन्होंने इससे इंकार कर दिया था।


असिस्टेंट प्रोफेसर ने फेसबुक पर फ्रैंड रिक्वेस्ट भेज मनाया था रिश्ते के लिए

रिश्ते के लिए इंकार करने के बाद वाराणसी में असिस्टेंट प्रोफेसर पति ने फेसबुक पर लड़की को रिक्वेस्ट भेजी। आगरा के महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर लड़की ने रिक्वेस्ट काे स्वीकार कर लिया। इसके बाद असिस्टेंट प्रोफेसर करीब दो सप्ताह तक उन्हें शादी के लिए हां कहने को मनाते रहे। इसके बाद वह शादी के लिए तैयार हो गईं। उन्होंने अपने स्वजन से दोबारा रिश्ते के लिए बात करने की कहा। उधर, असिस्टेंट प्रोफेसर भी परिवार से दोबारा रिश्ते की बात करने की कह चुके थे। दोनों के कहने के बाद ही यह रिश्ता तय हुआ था।


लड़की बनकर पत्नी से बात करने पर फंस गए थे असिस्टेंट प्रोफेसर

असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी पत्नी से भी लड़की के नाम से बनी फर्जी आइडी से बात करते थे। उनकी बातचीत के तौर तरीके से असिस्टेंट प्रोफेसर पत्नी को शक हो गया। उन्हें आशंका हुई कि आइडी किसी लड़की की नहीं बल्कि उनके पति की है। एक दिन पत्नी ने पति फेसबुक पर लाइव आने की कहा। इस पर लड़की बनकर बात करने वाले पति बहाना बनाने लगे कि परिवार के लोग कमरे में हैं। वह लाइव नहीं कर सकतीं। असिस्टेंट प्रोफेसर पत्नी ने कहा कि वह भी लड़की हैं, इसलिए परिवार के लोग एतराज क्यों करेंगे। इस पर लड़की बनकर बात करने वाले पति ने किसी तरह बहाना बनाकर उनसे पिंड छुड़़ाया।


कंजूसी का अवार्ड मिलना चाहिए

असिस्टेंट प्रोफेसर पत्नी ने पुलिस को बताया कि पति और ससुराल वाले बहुत कंजूस हैं। यहां तक कि वह अनाज, मसाले और खाने-पीने का सामान तक ताले में रखते हैं। एक भी चीज खर्च करने से पहले ससुराल वालों को बताना पड़ता है। पत्नी का कहना था कि देश में यदि कंजूसी का कोई अवार्ड होता तो वह उनके पति और ससुराल वालों को ही मिलता।


निजी फोटो शेयर करने से बिगड़ी बात

असिस्टेंट प्रोफेसर पत्नी का कहना था कि पति द्वारा अपने साथ उनके बेहद व्यक्तिगत फोटो अपने दोस्ताें को शेयर करने से बात बिगड़ी। इससे उनके दिल और सम्मान को ठेस लगी। पति को ऐसा नहीं करना चाहिए था।


इस घटना के बाद लगा कि अब साथ नहीं रह सकते

असिस्टेंट प्रोफेसर ने पुलिस को बताया कि उनकी ससुराल में एक रिश्तेदार किशोरी की मौत हो गई थी। वह अपने भाई के साथ ससुराल गमी में गई थीं। मगर, वहां पर ससुराल वालों ने उनसे मकान के नाम पर लोन लेने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। इस घटना के बाद उन्हे लगा कि पति और ससुराल वालों में संवेदनशीलता नहीं है। वह ऐसे समय में भी सिर्फ पैसे के बारे में सोच रहे हैं। ऐसे संवेदनहीन लोगों के साथ वह नहीं रह सकतीं। इसके बाद घर लौटकर उन्होंने मुकदमा दर्ज कराने का फैसला किया।

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