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एक विवाह ऐसा भी: बैलगाड़ी में सवार बरातियों संग पालकी से ससुराल पहुंचा दूल्हा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, देवरिया. आधुनिक दौर में लग्जरी गाड़ियों में बरात लेकर दूल्हा शान से दुल्हन को लेने पहुंचता है। वहीं रविवार को देवरिया जिले के रामपुर कारखाना ब्लॉक के कुशहरी गांव में एक बरात ऐसी भी निकली जिसे देखने के लिए लोग जहां थे वहीं रूक गए। दरअसल, दूल्हा अपनी पुरानी परंपराओं को जीवित रखने और पर्यावरण को बचाने के लिए बैल गाड़ी से बरात लेकर दुल्हन के घर तक पहुंचा।

बचपन में काफी लोगों ने सुना होगा कि दादा और नाना की बरात बैलगाड़ी से गई थी, जिसमें उन्हें ससुराल पहुंचने में कई दिन का सफर तय करना पड़ा था। वर्तमान समय में अगर कोई यह कहे कि किसी की बरात बैलगाड़ी में जाएगी तो लोग यकीन नहीं करेंगे।


कुशहरी के छोटेलाल पाल पुत्र स्व. जवाहिर पाल ने डोली और बैलगाड़ी को आकर्षक ढंग से सजाकर ब्याह रचाने निकल गए। बरात कुशहरी से 32 किलोमीटर दूर पकड़ी बाजार के निकट बरडिहा दल गांव में पहुंची, जहां रमानंद पाल की बेटी सरिता से शादी होगी। 

बैलगाड़ी पर निकली बरात को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। लोगों ने अपने मोबाइल से दूल्हे और बैलगाड़ी के साथ इस पल को सेल्फी के माध्यम से कैद किया। कई वर्षों बाद पुरानी परंपरा से निकली बरात चर्चा का का विषय बनी रही। बरात जिस गांव और चौराहे से निकली वहां लोग बरात को देखने के लिए अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए।


दूल्हा फिल्म इंडस्ट्री में करता है काम

छोटेलाल ने बताया कि उनकी मां कोईली देवी का स्वर्गवास 1998 में हो गया। पिता का भी साया 2006 में छीन गया। वर्ष 1999 में हाईस्कूल की परीक्षा में फेल होने के बाद 2002 में मुंबई चला गया। फिल्म इंडस्ट्री में आर्ट का काम करते हैं।

प्रदूषण से जनजीवन पर पड़ रहे कुप्रभाव को लेकर लोग जागरूक हों इसलिए मैंने पुरानी परंपरा को जीवित करने की पहल की है। इससे प्रदूषण में कमी, ईंधन की बचत और खर्चीली शादियों पर लगाम लगेगा। इसके लिए भईया और ग्रामीणों के बीच यह प्रस्ताव रखा, तो सभी लोगों ने मेरा साथ दिया। लड़की वालों का भी पूरा सहयोग है। उन लोगों ने भी इस प्रयास को सराहा है।

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