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Indian Army Children Recruitment: सेना में भर्ती होंगे कक्षा 5वीं पास बच्चे, मैकेनाइज्ड इंफेंट्री में होगा ट्रॉयल; जानें आवेदन की प्रक्रिया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. ऐसे छोटे बच्चे जो स्पोर्ट्स के साथ सेना में अपना करियर बनाना चाहते हैं। उन बच्चों के लिए सेना अगले माह अपनी ब्यॉयज स्पोर्ट्स कंपनी में भर्ती होने के लिए ट्रायल आयोजित करेगी। रेजीमेंटल स्तर पर होने वाली इस भर्ती की प्रक्रिया अक्टूबर माह में पूरी की जाएगी। आठ से 14 साल की उम्र के बच्चों का चयन कर सेना उनको अपनी रेजीमेंट में प्रशिक्षण देगी। साथ ही उनकी पढ़ाई भी कराएगी।

ये होगी अहर्ता: कक्षा 10 पास होने पर न्यूनतम साढ़े सत्रह साल की आयु में इन बच्चों को सेना में भर्ती किया जाएगा। मैकेनाइज्ड इंफेंट्री रेजीमेंटल सेंटर अहमदनगर महाराष्ट्र में 20 से 23 सितंबर तक सेना की ब्यॉयज स्पोर्ट्स कंपनी में बच्चों का ट्रायल लिया जाएगा। व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में पहला तीन स्थान और राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, अंतर जोनल व स्कूल फेडरेशन की प्रतियोगिताओं में पहला व दूसरा स्थान पाने वाले बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी।

ये लाने होंगे दस्‍तावेज: बच्चों को ट्रायल के समय स्पोर्ट्स सर्टिफिकेट की मूल व प्रमाणित छायाप्रति, आयु प्रमाण पत्र, पिछली कक्षा उत्तीर्ण व वर्तमान कक्षा का सर्टिफिकेट, स्कूल से ट्रांसफर सर्टिफिकेट और पासपोर्ट साइज की 10 फोटो अपने साथ लाना होगा। चयनित हुए बच्चों को सेना कक्षा 10 तक की निश्शुल्क शिक्षा, ठहरने व खाने की निश्शुल्क सुविधा, भारतीय खेल प्राधिकरण के कोच की देखरेख में खेलकूद की ट्रेनिंग सेना उपलब्ध कराएगी। इस कंपनी में भर्ती होने वाले बच्चों की अगले महीने 20 से 23 सितंबर तक आयु आठ से 14 वर्ष तक होना चाहिए।

यह होना चाहिए फिजिकल स्टैंडर्ड

आयु (वर्ष में)   ऊंचाई (सेमी.)    वजन (किग्रा)

8                   134                   29


9                  139                    31


10                143                    34


11                150                    37


12                153                    40


13                155                    42


14                160                    47


इसलिए होती है बच्चों की भर्ती: सेना के जवान अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते हैं। विश्व मिलिट्री गेम्स जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारत का प्रदर्शन बेहतर रहा है। ऐसे में सेना प्रतिभावान बच्चों की सीधी भर्ती कर उनके पसंदीदा खेलकूद के लिए तैयार करती है। जीतू राई जैसे निशानेबाज सेना की कड़ी मेहनत की देन हैं। तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल जेजे सिंह ने ब्वॉयज कंपनी में स्पोर्ट्स के बच्चों की भर्ती की व्यवस्था शुरू की थी। मैकेनाइज्ड के अलावा आम्र्ड व सिगनल रेजीमेंट में भी बच्चों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

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