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जौनपुर में गार्ड की दिनदहाड़े हत्या : उजड़ी गृहस्थी, वृद्ध मां, पत्नी और पुत्र-पुत्री के नहीं थम रहे आंसू

गाजीपुर न्यूज़ टीम, जौनपुर. एटीएम में कैश डालने वाली वाराणसी की एजीएस कंपनी के गार्ड राम अवध चौबे की लुटेरों की गोली से मौत के बाद परिवार पर वज्रपात सा हो गया है। कच्ची गृहस्थी उजड़ जाने से वृद्ध मां, पत्नी व अन्य स्वजन की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के बीरबलपुर निवासी राम अवध चौबे की हत्या की खबर आते ही घर पर कोहराम मच गया। मां विमला देवी व पत्नी रंजू देवी छाती पीटकर रोते-रोते बेसुध हो जा रही थीं। करुण-क्रंदन करते स्वजन जिला अस्पताल भागे। मृत राम अवध रिटायर्ड सिपाही स्व. राज नारायण चौबे के इकलौते पुत्र थे। पिता की मृत्यु के बाद परिवार का जिम्मा उन्हीं के कंधे पर था। राम अवध अपनी दो संतानों में बड़ी बेटी 19 वर्षीय अंशिका की शादी कर चुके थे। इकलौता 15 वर्षीय पुत्र हरिओम दसवीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा है। घटना से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया है। ढाढ़स बंधाने के लिए घर पर ग्रामीणों का तांता लगा है।

पिता की लाइसेंसी बंदूक वरासत कराकर आठ साल से कर रहे थे नौकरी

राम अवध चौबे पढ़ाई-लिखाई करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए प्रयासरत थे। सफलता नहीं मिली। इसी दौरान पिता राज नारायण चौबे का निधन हो गया तो उन्होंने उनकी लाइसेंसी एकनाली बंदूक अपने नाम वरासत करा ली। करीब एक एकड़ ही खेत होने के नाते परिवार का भरण-पोषण करने को आठ साल पहले गार्ड के तौर पर एजीएस कंपनी में नौकरी करने लगे थे।

साथी गार्ड भी दिखाते दिलेरी तो मौके पर ही मारे जाते लुटेरे

एटीएम में नकदी डालने आए एजीएस कंपनी के कर्मचारियों से लूट के प्रयास के दौरान लुटेरों की गोलियों से छलनी होकर घायल होने से पूर्व गार्ड राम अवध चौबे की दिखाई गई जांबाजी की चर्चा हर किसी की जुबां पर है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यदि साथी गार्डों ने साहस से साथ जवाबी कार्रवाई की होती तो लुटेरे मौके पर ढेर होते या पकड़ लिए जाते। चश्मदीद बताते हैं कि करीब ढाई बजे एटीएम के ठीक सामने कैश वैन आकर रुकी। एक कर्मचारी व गार्ड राम अवध चौबे एटीएम में पैसा डालने के लिए बैग लेकर उतरे। ये भी पढ़े: सिद्धपीठ हथियाराम मठ का पर्यटन विभाग तीन करोड़ रुपये की लागत से चौमुखी विकास कराएगा

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