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सावन का तीसरा सोमवारः बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के दरबार में उमड़ा भक्तों का सैलाब

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सावन का तीसरा सोमवार नई उत्साह और उल्लास का संदेश लेकर आया। न सिर्फ, बनारस या पूर्वांचल बल्कि उत्तर प्रदेश सहित देश के तमाम राज्यों से भी हजारों की संख्या में बाबा के भक्तों ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में हाजिरी लगाई। भीड़ का आलम था कि रविवार की रात 10:00 बजे से ही भक्तगण कतार में लग गए थे। सावन के सोमवार को ध्यान में रखते हुए बाबा की मंगला आरती के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के में 300 से ज्यादा लोग शामिल रहे।

भोर में मंगला आरती के बाद 3:55 पर मंदिर का पट सामान्य दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया। मंदिर का पट खोले जाने से पूर्व ज्ञानवापी से मैदागिन और ज्ञानवापी से दशाश्वमेघ घाट तक भक्तों की कतार एक हो गई थी। गोदौलिया चौराहे से दशाश्वमेध घाट की ओर सिर्फ लोग ही लोग नजर आ रहे थे। कोरोना काल के दूसरे सावन में यह पहला मौका था जब हजारों का हुजूम काशी विश्वनाथ के दरबार में उमड़ा। शाम छह बजे तक करीब 50 हजार भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। ये भी पढ़े : उत्तर प्रदेश में साप्ताहिक बंदी से जल्द राहत, ख़त्म हो सकता वीकेंड कोरोना कर्फ्यू!

मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड आदि राज्यों से आने वाले भक्तों की संख्या कहीं अधिक थी। शहर के समस्त निजी पार्किंग स्थलों से लेकर प्रतिबंधित यातायात क्षेत्र के बाहर के सभी चौराहों के आसपास सिर्फ दूसरे राज्यों के वाहनों की कतार ही दिखाई दे रही थी। यह इस बात का भी प्रमाण है कि इस बार सावन में यात्रा करने के लिए लोगों ने रेल की बजाय सड़क मार्ग को ज्यादा तरजीह दी है।

तीसरे सोमवार पर भीड़ के बढ़ने का अनुमान जिला प्रशासन को पहले से था। लिहाजा सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई थी। वही पीएसी और सीआरपीएफ के जवान की पहले दो सोमवार को की अपेक्षा कहीं ज्यादा संख्या में तैनात किए गए थे। नागरिक सुरक्षा सहित विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने दूरदराज से बाबा के दर्शन के लिए आए यात्रियों की सुविधा के लिए कई सेवा प्रकल्प चलाए। किसी ने जल का वितरण किया तो किसी ने भक्तों को चाय पिलाई। वही कुछ स्टालों पर फलाहार का वितरण भी किया गया।

विश्वनाथ गली के व्यापारियों ने किया जलाभिषेक

श्रावण माह के तीसरे सोमवार को विश्वनाथ गली के व्यापारियों ने इस बार भी केवल परंपरा का निर्वाह किया। सिर्फ पांच व्यापारी अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकरपुरी महाराज के नेतृत्व में जलाभिषेक करने विश्वनाथ मंदिर पर गए। प्रातः नौ बजे चित्तरंजन पार्क पर एकत्रित होकर डेढ़सी पुल, विश्वनाथ गली होते हुए गेट नम्बर एक से मंदिर में प्रवेश किया। जलाभिषेक यात्रा में बिहारीपुरी मठ के महंत जयकिशन पुरी महाराज, रमेश तिवारी, पवन शुक्ला, राजू बाजोरिया, राजरतन सिंह शामिल थे।

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