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गाजीपुर जिले में शौचालय निर्माण में करोड़ों रुपये की अनियमितता, जांच जारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के भांवरकोल ब्लाक के शौचालय निर्माण में हुए करोड़ों रुपये की अनियमितता की जांच फाइल जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। अंतिम जांच के लिए नियुक्त जिला विकास अधिकारी भूषण कुमार पिछले 10 दिनों पहले सूची को तलब किया था। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रभात कुमार ने सिर्फ इतना लिखकर दे दिया है कि 1224 शौचालयों की जांच में खामिया है, लेकिन किसके शौचालय में क्या-क्या खामिया हैं, कितना कार्य अधुरा है आदि की जानकारी नहीं है। इसी सूची को डीडीओ ने तलब किया है, जिसे उपलब्ध कराने में जांच अधिकारी हीलाहवाली कर रहे हैं।

शेरपुर गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2225 शौचालय का निर्माण किया जाना था। शौचालय के निर्माण में जमकर हीलाहवाली की गई। इसकी शिकायत गांव के ही रहने वाले मनोज राय लिखित तौर पर शपथ-पत्र के साथ डीएम को किया। इस पर जिलाधिकारी ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को जांच अधिकारी नामित कर इस गांव के शौचालय निर्माण में खर्च धनराशि की जांच करवाई। जांच से यह तथ्य सामने आया की कुल बनाए जाने वाले शौचालयों में से करीब 1224 शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है। 

जो शौचालय बनाये गए हैं वह मानकों के अनुरूप नहीं है। 369 शौचालय पर छत नहीं डाला गया, 214 का दरवाजा टूटा मिला, 233 के चेम्बर व सोकपिट पर ढक्कन ही नहीं लगाया गया, जबकि 85 में टंकी व गड्ढा ही नहीं है। ऐसी तमाम अनियमितता मिलने की रिपोर्ट बनाकर अल्पसंख्यक अधिकारी ने डीपीआरओ प्रेषित कर दी। अब इस मामले में की अंतिम जांच के लिए डीएम जिला विकास अधिकारी भूषण कुमार को नामित किया है।

जांच रिपोर्ट में नहीं है विवरण

गाजीपुर जिला विकास अधिकारी को अंतिम जांच के लिए जाे रिपोर्ट मिली है, उसमें पूरा विवरण नहीं है। जिन 1224 शौचालयों में खामियां मिली है। इसकी सिर्फ संख्या है। इस पर डीडीअो ने पूरा विवरण मांगा है कि किस-किस के शौचालय क्या-क्या खामिया मिली। ताकि उसका सत्यापन कराकर रिपोर्ट जिलाधिकारी काे प्रेषित करने के साथ आरोपितों पर कार्रवाई की जा सकें। उन्होंने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से कई बार कह चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें जांच रिपोर्ट नहीं मिली है।

अंतिम जांच के लिए जांच अधिकारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से जांच रिपोर्ट का पूरा विवरण मांगा गया है। ताकि निष्पक्षता पूर्वक मामले की जांच की जा सके।- भूषण कुमार, डीडीओ।

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