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UPSSSC PET 2021: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने किए ये 3 बड़े बदलाव, जानिए क्या होगा इनका असर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने हाल में तीन बड़े बदलाव किए हैं। हाल में आयोग ने द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली लागू की है। वहीं अब UPSSSC अभ्यर्थियों को प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (PET) के नार्मलाइजेशन स्कोर व व्यक्तिगत स्कोर के साथ मूल ओएमआर शीट भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर रहा है। बता दें कि अभी तक अभ्यर्थियों को अपनी ओएमआर शीट पाने के लिए कभी आरटीआई तो कभी हाईकोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे थे। इसके अलावा आयोग पीईटी की लिखित परीक्षा की उत्तर कुंजी भी जारी करने की तैयारी कर रहा है। आयोग ने यह कदम उत्तर कुंजी के जरिए आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए उठाया है। गौरतलब है कि अभी आयोग सभी परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट स्कैन करने का काम कर रहा है, जिसके लिए एक महीने का समय निर्धारित किया गया है। 

ओटीपी के जरिए डाउनलोड कर सकेंगे ओएमआर शीट

आयोग के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि स्कैनिंग में कितना समय लगेगा यह तो प्रक्रिया शुरू होने के बाद ही पता चलेगा। सभी अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट स्कैन होने के बाद अभ्यर्थियों के स्कोर भी आजाएंगे।लेकिन, कोरोना की वजह से दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने की वजह से प्रश्नों के कठिनाई के स्तर को समान स्तर पर लाने के लिए तय फार्मूले पर नार्मलाइजेशन किया जाएगा। 

जिसके बाद अभ्यर्थियों को उनके द्वारा प्राप्त स्कोर बताए जाएंगे। बता दें कि आयोग की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक अभ्यर्थी ओएमआर शीट अपने रजिस्टर्ड नंबर पर भेजे गए ओटीपी के जरिए डाउनलोड कर सकेंगे। इससे अभ्यर्थियों का आयोग की भर्ती प्रक्रिया में भरोसा बढ़ेगा। संभावना है कि यह पूरी प्रक्रिया 15 अक्तूबर तक सफलतापूर्वक समाप्त हो जाएगी।

नवंबर में किया जाएगा राजस्व लेखपाल लिखित परीक्षा का आयोजन

अधिकारी ने यह भी जानकारी दी है कि परिणाम घोषित करने की प्रक्रिया के साथ साथ समानांतर स्तर पर पीईटी की पहली मुख्य परीक्षा आयोजित करने की भी तैयारी जारी रहेगी। आयोग इस प्रयास में है कि भर्ती कैलेंडर के मुताबिक पीईटी में शामिल अभ्यर्थियों के आवेदन लेकर नवंबर में राजस्व लेखपाल के रिक्त 7,882 पदों पर लिखित परीक्षा का आयोजन किया जा सके।

आयोग और परीक्षा प्रणाली के प्रति अभ्यर्थियों का विश्वास जीतने के लिए किए जा रहे प्रयास

  • दरअसल, वर्तमान में अभ्यर्थियों को परीक्षा के समय ओएमआर की तीसरी प्रति (कार्बन प्रति) मिलती है। जो कई बार काफी अस्पष्ट होती है और विवाद का विषय बन जाती है।
  • दूसरा, विभिन्न आयोगों में ओएमआर में हेराफेरी के आरोप भी सामने आते रहे हैं, जो कोर्ट-कचहरी तक विवाद का विषय बनते रहे हैं। 
  • कई बार मूल ओएमआर में छेड़छाड़ के  मामले भी सामने आ चुके हैं। 

मूल ओएमआर अपलोड किए जाने से इस तरह की हरकत पर अंकुश लगेगा और किसी स्तर पर गड़बड़ी किए जाने पर आसानी से पकड़ी जा सकेगी।

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