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गाजीपुर में भैंसही और तमसा नदी का बढ़ रहा जलस्तर, SDM ने बाटे भोजन के पैकेट

 गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. बहादुरगंज क्षेत्र में भैंसही एवं तमसा का जलस्तर बढ़ने से कई बस्तियों में पानी घुस गया है। सिउरा के राजभर बस्ती, रसलपुर, फरीदनपुर में गाढ़ा ताल से पानी आने से पूरा गांव चारों तरफ से घिर गया है। नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ने से खेती भी पूरी तरह से नष्ट हो रही है। वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एसडीएम भारत भार्गव ने विभिन्न गांवों में भ्रमण कर खाद्य सामग्री के पैकेट का वितरण कराया। उधर, कई दिनों तक हुई बारिश के कारण कासिमाबाद क्षेत्र में हजारों एकड़ खरीफ की फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो गई।

भोजन के पैकेट का किया वितरण

बहादुरगंज में उपजिलाधिकारी कासिमाबाद भारत भार्गव ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर प्रभावित परिवारों में बहादुरगंज में 700 पैकेट, फरीदनपुर में 300 पैकेट, ग्राम सभा रामगढ़ के बिद पुरवा 500 पैकेट एव पाली के रेता मौजा में 400 पैकेट का वितरण किया। वे गांव में घुटनों भर पानी तो कहीं नाव से होकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे। बताया कि नदी का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है। राजस्व विभाग की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नजर बनाए हुए है। इस दौरान तहसीलदार कासिमाबाद अमित शेखर सहित राजस्व की टीम मौजूद थी।

बाढ़ से बची फसलों को बारिश नष्ट कर गई

मुहम्मदाबाद में पानी ने ऐसा कहर मचाया कि किसानों का सब कुछ पानी-पानी हो गया। इलाके में गंगा में आई बाढ़ की मार से बेहाल किसान अभी उबर रहे थे कि अचानक आए गुलाबी तूफान से सब कुछ जलमग्न हो गया है। मगई नदी के बाढ़ से छूटे सिवान बारिश के पानी से जलमग्न हो चुके हैं। हालत यह है कि बांगर क्षेत्र के बारिश का पानी कई किलोमीटर से घूमते हरिबल्लमपुर हरिहरपुर के पास से एन एच 31 को पार करते महादेवा मंदिर के पीछे खेतों को पूरी तरह से डुबो दिया है। इससे आने वाले समय में भी खेती किया जाना संभव नहीं दिख रहा है।

बारिश का पानी इलाके के महुंवी कोठिया ताल में पूरी तरह भरा हुआ है। इससे उमरपुर, कोठिया विशुनपुरा, महुंवी, सरायबहादुर, गनी चक, गौसलाजमपुर, बेनसागर के सिवान पूरी तरह जलमग्न हो गया है। इससे सैकड़ों बीघा सब्जी की खेती नष्ट हो गई है। पानी खेतों व नालों के माध्यम से हरिहरपुर, तिवारीपुर के सिवान से होते महादेवा-बच्छलपुर के सिवान को भी डुबो रहा है। इन इलाकों में बारिश के पानी के निकासी की सही व्यवस्था न होने से खेत पूरी तरह डूबे हुए हैं। इससे वर्तमान फसल तो नष्ट हो ही रही है, आगे की खेती पर भी ग्रहण दिख रहा है। किसान गुलाब कुशवाहा, नागेंद्र यादव, अंबिका यादव, अनिल राय आदि ने बताया इस इलाके में जलजमाव के चलते खेती बर्बाद हो रही है। कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से गुहार लगाया गया, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई न होने से किसान बर्बादी झेलने को विवश हैं।

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