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गाजीपुर में रेल रोकने जा रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने धक्का-मुक्की के बीच रोका

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत गाजीपुर सिटी स्टेशन और दिलदारनगर जंक्शन पर रेल रोको कार्यक्रम के तहत मार्च किया। दिलदारनगर जंक्शन पर रेल रोकने के दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, जबकि सिटी रेलवे पर धक्का-मुक्की के बीच उन्हें परिसर में ही रोक लिया।

सीटी स्टेशन परिसर में लोगों को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि योगी-मोदी सरकार अंग्रेजी हुकूमत के जमाने के बने काले कानूनों के जरिए लोकतांत्रिक जनांदोलनों का हाउस अरेस्ट कर, नजरबंद कर दमन कर रही है। संविधान ने हमें शान्तिपूर्ण आंदोलन का जो अधिकार दिया है, मोदी-योगी सरकार उन अधिकारों का गला घोंटने पर उतारू हैं।

शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर सरकारी क्षेत्रों को मोदी सरकार बड़े कॉरपोरेट घरानों के हाथों बेच रही है। सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास के नारे के साथ आई यह सरकार मजदूरों की रोजी-रोटी छीनकर, बेरोजगार युवाओं की फौज खड़ी कर, सरकारी पदों को समाप्त कर अडानी अंबानी समेत कारपोरेट घरानों के फायदे के लिए काम कर रही है। अब 130 करोड़ लोगों का अन्न उपजाकर पेट भरने वाले किसानों की खेती हड़पने के लिए तीन काले कृषि कानूनों को ला रही है तथा एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने से बच रही है। उन्होंने रसोई गैस, सिलेंडर, सरसों तेल, डीजल पेट्रोल कीमतों पर लगाम लगाने की मांग की।

वहां मौजूद पुलिस फोर्स से धक्का-मुक्की करते हुए रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन जीआरपी, आरपीएफ सहित थाना पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और वाहनों से थाना लाई। ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि अपराधी अजय मिश्र के मंत्री रहते लखीमपुर के किसानों को न्याय नहीं मिल सकता। इस हत्यारे को केन्द्रीय मंत्रिमंडल से हटाया जाय। अगर तत्काल नहीं हटाया गया तो आगे और बड़ा निर्णायक आंदोलन होगा। आंदोलन की अगली कड़ी में 26 अक्टूबर को लखनऊ में बड़ी किसान पंचायत होगी। मार्च में विजय नरायन, राम प्रवेश कुशवाहा, मुराली बनवासी, लालजी बनवासी, सदानंद कुशवाहा, रोहित बिंद, गोरख राजभर, बच्चे लाल राम, श्याम प्यारी आदि शामिल थे।

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