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धनतेरस पर न करें ये 5 काम, माता लक्ष्मी की कृपा से रह सकते हैं वंचित

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली। Dhanteras 2021: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन त्रयोदशी या धनतेरस के नाम से जाना जाता है। विश्व प्रसिद्ध त्योहार दिवाली का प्रारंभ धनतेरस से ही होता है। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, कुबेर और देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि विधान से की जाती है। इस वर्ष धनतेरस का त्योहार 02 नवंबर दिन मंगलवार को है। इस दिन लोग सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, घर, प्लॉट आदि की खरीदारी करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में इन वस्तुओं की खरीदारी धन, वैभव में वृद्धि करने वाला माना जाता है। हालांकि धनतेरस पर कुछ ऐसे भी काम होते हैं, जिनको करने से बचना चाहिए। अगर आप गलती से भी उन काम को करते हैं, तो हो सकता है कि आप पर माता लक्ष्मी की कृपा न हो।

धनतेरस पर न करें ये काम

1. कांच या ऐसी मूर्ति की पूजा न करें

धनतेरस के दिन लोग माता लक्ष्मी, कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं। इस दिन आपको ध्यान रखना है कि आप कांच या प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी हुई मूर्तियों का पूजन न करें।

2. सोना मना होता है

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्यक्ति को दिन में नहीं सोना चाहिए। धनतेरस और दिवाली को दिन में सोने से आलस्य और नकारात्मकता आती है। इस दिन परिवार के सदस्यों को प्रेम और सौहार्दय से रहना चाहिए। घर में कलह और झगड़े से बचें।

3. उधार न दें

ऐसी मान्यता है कि दिवाली और धनतेरस के दिन किसी को भी रुपये उधार नहीं देना चाहिए। लोक मान्यता है कि ऐसा करने से अपनी लक्ष्मी दूसरे के पास चली जाती हैं। हालांकि जरुरतमंद की मदद करना भी पुण्य का काम होता है।

4. कूड़ा और गंदगी न रखें

कहा जाता है कि माता लक्ष्मी उस स्थान पर ही निवास करती हैं, जो साफ-सुथरी और सकारात्मक वातावरण वाली हो। ऐसे में आपको भी दिवाली और धनतेरस पर घर की अच्छे से साफ सफाई करनी चाहिए। ध्यान रखें कि घर में कूड़ा, रद्दी और गंदगी न हो।

5. जूता-चप्पल

वास्तुशास्त्र में घर के मुख्य दरवाजे का बहुत ही महत्व है। उसे सकारात्मकता का वाहक माना जाता है। घर के मुख्य दरवाजे के ठीक सामने कोई पेड़, बीम या कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए। प्रवेश आसान होना चाहिए। घर के मुख्यद्वार को सजाकर रखें और वहां पर जूता-चप्पल नहीं रखना चाहिए। धनतेरस और दिवाली के दिन माता लक्ष्मी का आगमन मुख्यद्वार से ही होगा। ऐसे में उसे साफ, सुथरा और सुंदर रखें।

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