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गृहमंत्री अमित शाह और डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य के बयान से सियासी गलियारे में हलचल बढ़ी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गृहमंत्री अमित शाह और डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान से सियासी गलियारे का तापमान बढ़ गया है। पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह ने लखनऊ में एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को सम्‍बोधित करते हुए कहा था कि योगी आदित्‍यनाथ सबसे सफल मुख्‍यमंत्री हैं और उन्‍ही के नेतृत्‍व में विधानसभा 2022 का चुनाव लड़ा जायेगा। 

वहीं कल डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हाथरस में पत्रकारों को बताया कि विधानसभा 2022 का चुनाव भाजपा कमल के फूल के नेतृत्‍व में लड़ेगी। भाजपा के दो दिग्‍गज नेताओं का बयान परस्‍पर विरोधी होने पर सियासी गलियारा गरम हो गया है। राजनैतिक लोग इसे 2017 के विधानसभा के चुनाव को जोड़ कर देख रहे हैं। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में तत्‍कालीन प्रदेश अध्‍यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्‍व में पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ा था। 

केशव मौर्या के चेहरे पर अति बैकवर्ड जातियों का वोट भाजपा के झोली में झमाझम पड़ा था जिससे भाजपा ने इतिहासिक बहुमत प्राप्‍त करते हुए 325 सीट हासिल किया। भारी बहुमत के बाद भाजपा के हाईकमान ने केशव मौर्य के जगह योगी आदित्‍यनाथ को उत्‍तर प्रदेश का मुख्‍यमंत्री बना दिया। जिसको लेकर अति बैकवर्ड जातियों में काफी नाराजगी थी। 

समय के साथ-साथ सीएम योगी ने दिनरात एक कर कोरोना काल में कड़े परिश्रम करके इस महामारी पर यूपी में लगाम लगाया और माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनके सम्‍पत्ति पर बुलडोजर चलाकर यूपी में एक नया प्रयोग किया। लेकिन बैकवर्ड जाति के लोग आरक्षण में संसोधन और नौकरियों में आरक्षण के बावजूद जगह न मिलने से काफी नाराजगी रही। 

जिससे इस जाति के लोग केशव मौर्य के तरफ अपनी निगाहें लगाए हुए थे। तभी गृहमंत्री अमित शाह ने यह बयान दिया कि 2022 का चुनाव सीएम योगी के नेतृत्‍व में लड़ा जायेगा जिसपर पिछड़ी बिरादरियों में एक बार फिर सरगर्मी फैलने लगी। तभी केशव मौर्या ने हाथरस में बयान दिया कि 2022 का चुनाव कमल के फूल के निशान पर लड़ा जायेगा। इन दोनों बयानों से भाजपा के सबसे बड़े वोट बैंक के मतदाताओं से सीधा सम्‍बंध है। अब देखना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में क्‍या परिणाम मिलता है।

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