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पिछले साल ही होना था पूरा, लोको विद्युत इंजन मरम्मत कारखाना अबतक अधूरा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सैदपुर भितरी रेलवे स्टेशन के पास 80 करोड़ रुपये की लागत से 12 एकड़ में भू-भाग में निर्माणाधीन लोको विद्युत इंजन मरम्मत कारखाना (मेमू शेड) अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया है। कारखाने का कार्य वर्ष दिसंबर 2020 में ही पूरा होना था लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते तय बीतने के 11 माह बाद भी अभी कार्य पूरा नहीं हो सका है। दस फीसदी से अधिक कार्य बाकी है। जबकि कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने कार्य पूरा होने का दावा किया है।

मेमू शेड, कारखाने का प्रशासनिक भवन बन चुका है। पाइपलाइन और पटरी बिछाने का कार्य हो भी हो गया है। इंजन उठाने वाली क्रेन, चक्का खराद मशीन लग गई है। अब सिर्फ मशीनों का स्थापित किया जाना है। सैदपुर भितरी रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन इस विद्युत चालित इंजन रिपेयरिंग कारखाने का शिलान्यास तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने अक्तूबर 2018 में किया था। इसके लिए रेलवे प्रशासन ने 80 करोड़ का बजट स्वीकृत कर कार्यदायी संस्था आरवीएनएल को धन अवमुक्त कराया था।

स्थानीय नागरिकों को शिलान्यास के वक्त से ही इस कारखाने के चालू हो जाने का बेसब्री से इंतजार है। इसकी वजह यह है कि कारखाना चालू होने के बाद स्थानीय लोगों को काफी लाभ होगा। कारखाना तैयार होने से सैदपुर रेलवे स्टेशन के आस-पास के गांव और उसकी बस्ती की रौनक बढ़ गई है। आसपास के क्षेत्र रोशनी से जगमग उठे हैं। बड़ी संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों का आवास बनने के बाद उनमें रहने से छोटे व्यापारियों का धंधा बढ़ गया है। कारखाना चालू होने के यहां छोटे कारोबार की अपार संभावनाएं हैं। कारखाने के आसपास चाय-पान के अलावा खानपान एवं किराना की दुकानें खुल गई हैं। बहुत से रिहायशी मकानों में किरायेदारों की पूछताछ बढ़ जाने से उन्हें भी फायदा होने लगा है।

लोको विद्युत इंजन मरम्मत कारखाना (मेमू शेड) तैयार है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों एवं मुख्य इंजीनियरों की ओर से इसका परीक्षण भी कराया जा चुका है। जल्द ही रेलवे प्रशासन इसका लोकार्पण कराएगा।-जितेंद्र गोयल, परियोजना प्रबंधक रेलवे विकास निगम लिमिटेड


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