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Ghazipur News : दूसरे दिन भी बंद रहे बैंक, परेशान रहे लोग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन भी गाजीपुर जिले में विभिन्न बैंकों की तीन सौ से अधिक शाखाएं बंद रहीं जिससे दो सौ करोड़ रुपये का लेन देन प्रभावित रहा। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के बैनर तले अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने महुआबाग स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर शुक्रवार को प्रदर्शन कर धरना दिया।

धरना सभा में यूनियन बैंक स्टाफ एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय सहायक महामंत्री संतोष कुमार यादव ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करने के लिए आमादा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ तथा देश की आर्थिक प्रगति में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। आज भी 70 प्रतिशत से ज्यादा जनता सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विश्वास करती है। सरकार की सभी योजनाओं को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लागू करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 

प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खाता खोलना, लघु मध्यम उद्योगों एवं कृषकों को ऋण वितरित करना, प्रधानमंत्री स्व निधि योजना के तहत ऋण वितरित करना सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने हमेशा ही सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य किया है। अगर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण किया गया तो यह आम जनता की पहुंच से दूर हो जाएंगे। 

इसलिए आम जनता को भी इस प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ खड़ा होना होगा। अधिकारी संघ (एआईबीओसी) के क्षेत्रीय सचिव सत्यम ने श्रम कानूनों में सुधार का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार वर्षों से प्रचलित श्रम कानूनों को समाप्त कर पूंजीपतियों के पक्ष में श्रम कानूनों को बनाना चाहती है जो श्रमिक विरोधी है। इससे श्रमिकों का अहित होगा।

इस अवसर पर मोहम्मद तसव्वर, सत्यम, हरिद्वार यादव, जितेंद्र शर्मा, राजेश यादव, उदयवीर यादव, अशोक यादव, रवि यादव, शिवशंकर यादव, मनीष प्रताप, विकास श्रीवास्तव, गरिमा मौर्य, आकांक्षा दुबे, दिनेशचंद्र शर्मा, आलोक कुमार, तेजनारायण सिंह, दीपक कुमार, अमिताभ श्रीवास्तव, मृत्युंजय कुमार, विनोद प्रधान, पंकज, रजनीश, राकेश सिंह, अमित गुप्ता, राजेश, राजीव, हीरा प्रसाद रहे।

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