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गाजीपुर में मुख्तार अंसारी की पत्नी का गजल होटल कुर्क, गैंगस्‍टर एक्‍ट के तहत हुई कार्रवाई

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी का नगर के महुआबाग में स्थित गजल होटल को बुधवार को कुर्क किया जा रहा है। इस बाबत जिलाधिकारी एमपी सिंह के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत यह कार्रवाई की जाएगी। वहीं पूर्व के तय कार्रवाई के अनुसार ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल सुरक्षा कारणों से तैनात रही। गाजीपुर में गजल होटल में मौजूद दुकानों को खाली कराने पुलिसकर्मी पहुंचे तो कई दुकानदारों से बहस भी हुई। इस दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लोगों को समझाते बुझाते रहे।

गाजीपुर जिले से लेकर प्रदेश भर में मुख्‍तार अंसारी और उनकी पत्‍नी के नाम पर कई अवैध संपत्तियों को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में ही कार्रवाई चल रही थी। इसी कड़ी में अफ्शां अंसारी के नाम से गजल होटल होने की जानकारी के बाद जांच पड़ताल की गई। गैंगस्‍टर मामले में गजल होटल पर कुर्की की कार्रवाई होनी थी। अब इसी कड़ी में जिला प्रशासन की पहल के बाद कार्रवाई की जा रही है। इस बाबत पुलिस प्रशासन की ओर से भी मौके पर भारी सुरक्षा व्‍यवस्‍था लगाई गई है। 

जबकि होटल में मौजूद दुकानदारों को मौके पर दुकान खाली करने का आदेश देने के साथ प्रशासन विधिक कार्रवाई कर रहा है। मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शा अंसारी और उसके पुत्र अब्बास अंसारी के गजल होटल को जिला प्रशासन ने बुधवार की सुबह कुर्क कर दिया। जिलाधिकारी एमपी सिंह के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत यह कार्रवाई की गई। इस होटल की कीमत करीब 10 करोड़ 10 लाख रुपये है। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से संबंधितों में खलबली मची हुई है।

कुर्की की कार्रवाई के लिए सुबह से ही पुलिस फोर्स जुटने लगी थी।

कार्रवाई एसडीएम सदर अनिरुद्ध प्रताप सिंह तथा सीओ सिटी ओजस्वी चावला की अगुवाई में हुई। हालांकि दो मंजिली बिल्डिंग के ऊपरी तल पर होटल था। उसे प्रशासन पिछले साल ही पहली नवंबर को ढाह दिया था। वह कार्रवाई मास्टर प्लान में नक्शे की गड़बड़ी के कारण हुई थी। 

तब बिल्डिंग के निचले तल की कुल 17 दुकानें छोड़ दी गई थीं लेकिन अब जबकि दुकानों के हिस्से की भी कुर्की की कार्रवाई शुरू हुई तो दुकानदारों में अफरा-तफरी मची रही। अपनी दुकानें खाली करने की उन्हें हड़बड़ी थी। कुछ दुकानदारों ने सीओ सिटी से आग्रह किया कि उनसे दुकानें खाली न कराई जाएं और उनका किराया राजकीय खजाने में जमा करने का मौका दिया जाए लेकिन सीओ सिटी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि कानूनन बाध्य हैं। 

दुकानदारों को इसके लिए डीएम कोर्ट से इजाजत लानी होगी। उसके बाद हर दुकानों में सील मुहर के साथ ताले जड़ दिए गए। वैसे दुकानदारों को पहले ही इस बात का अंदेशा हो गया था। प्रशासन कई दिन पहले ही बिल्डिंग के शेष बचे निचले तल की नापी-जोखी करवाया था। डीएम एमपी सिंह ने गैंगस्टर एक्ट के तहत उसे कुर्क करने का आदेश सोमवार को दिया। उसके बाद ही दुकानदारों को दुकानें खाली करने के लिए कह दिया गया था। बावजूद ज्यादातर दुकानदार दुकानें खाली नहीं किए थे। दुकानों में जेवर, कपड़े, बर्तन वगैरह की दुकानें शामिल हैं।
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