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पार्टी अलग लेकिन एक है दुख-दर्द, कोई टिकट के लिए थाने में रोया; किसी ने बहू के साथ दिया धरना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. विधानसभा चुनाव के सियासी अखाड़े में मुकाबले के लिए राजनीतिक दलों की ओर से उतरने वाले प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही उसमें जगह न बना पाने वालों का दुख-दर्द खुलकर सामने आने लगा है। चुनाव में टिकट कटने पर कोई थाने में फफक कर रो रहा है और पैसा वसूले जाने की शिकायत कर तहरीर दे रहा है तो कोई टिकट बंटवारे में धांधली का आरोप लगाकर धरना-प्रदर्शन कर रहा है। दल भले ही अलग-अलग हैं लेकिन उनके टिकट पर चुनाव लड़ने की चाहत रखने वालों के दुख दर्द एक ही हैं। दलबदल के खेल के बीच अब टिकट को लेकर ऐसे आरोपों से प्रत्याशियों के चयन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

लखनऊ में कांग्रेस दफ्तर में धरने पर बैठीं सास-बहू

कांग्रेस से टिकट न मिलने से नाराज सास और बहू शुक्रवार की सुबह लखनऊ में पार्टी दफ्तर में धरने पर बैठ गईं। लखनऊ की दूसरी सीट ऐसी है जिस पर टिकट बंटवारे को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। एक दिन पहले सरोजनीनगर से टिकट मांगने वाली कांग्रेस की ‘पोस्टर गर्ल’ डॉ. प्रियंका ने टिकट बंटवारे में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा था कि, लड़की थी लड़ सकती हूं पर लड़ने नहीं दिया गया। 

अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि दूसरा प्रकरण सामने आ गया। शुक्रवार को बीकेटी से टिकट की दावेदार शीला मिश्रा संगठन से आरपार की लड़ाई में कूद गईं। गले में तख्ती लेकर माल एवेन्यू स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर धरना दे दिया। कुछ देर में उनकी बहू भी आकर बगल में बैठ गईं। शीला मिश्रा ने आरोप लगाया कि, ‘पार्टी पदाधिकारियों ने बड़ी धनराशि की मांग की थी। उतनी व्यवस्था नहीं कर पाईं। जितना हो सका वो लेकर आईं तो कहा गया कि इतने से काम नहीं चलने वाला।’

पहले कांग्रेस नेताओं ने उनको बातचीत के लिए बुलाया लेकिन सहमति नहीं बनी। थोड़ी देर बाद वो उसी स्थान पर आकर बैठ गईं। बगल में महिलाओं को प्रोत्साहित करने वाली होर्डिंग भी लगी हुई है। तीन दशकों से पार्टी की सेवा कर रही शीला मिश्रा माल एवेन्यू स्थित मुख्यालय पर धरना दे रही हैं। उनका कहना है कि, ‘पार्टी ने बीकेटी की सीट से टिकट देने का वादा किया था। महिला होने के नाते उनको बहुत उम्मीद थी लेकिन वहां से ललन कुमार को टिकट दे दिया गया।’ 

शीला मिश्रा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्य भी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘कांग्रेस पार्टी में पैसे लेकर टिकट बांटे जा रहे हैं। वर्षों तक संगठन की सेवा करने के बावजूद उनको या उनकी बहू को टिकट नहीं दिया गया।’ उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा से न्याय की मांग की है। शीला मिश्रा ने बताया कि उनकी बहू को बस्ती की हरैया सीट से तैयारी करने के निर्देश दिए गए थे। टिकट वितरण से दो दिन पहले तक आश्वासन दिया जाता रहा। वह अपने बच्चों को घर पर छोड़कर लगातार पार्टी के लिए अपनी विधानसभा सीट पर काम कर रही थी।’

कांग्रेस का पक्ष

कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, 'हमने इस मामले की व्यक्तिगत स्तर पर तहकीकात की। उनसे बात की लेकिन वो यह बताने को तैयार नहीं हैं कि किसने उनसे पैसा मांगा। अब ऐसे में हम क्या समझें और किसके खिलाफ कार्रवाई करें? अब तो वो माफी भी मांग रही हैं। कांग्रेस में लोकतंत्र है। यहां हर कार्यकर्ता को अपनी बात कहने का अधिकार है। इसका कुछ लोग दुरुपयोग करते हैं। हमारा टिकट देने का एक पारदर्शी व लोकतांत्रिक तरीका है।'

मुजफ्फरनगर थाने में खूब रोए अरशद राणा

मुजफ्फरनगर की चरथावल से बसपा के विधानसभा सीट प्रभारी रहे अरशद राणा का शुक्रवार को थाने में कोतवाल के सामने रोने का वीडियो वायरल हो गया। थाने में तहरीर देते हुए अरशद राणा ने आरोप लगाया कि बसपा के बड़े नेताओं ने चरथावल विधानसभा सीट से टिकट दिलाने के लिए उनसे 67 लाख रुपये लिए, पर टिकट सलमान सईद को दे दिया। बसपा नेताओं ने इन आरोपों को गलत बताया है।

मुजफ्फरनगर की चरथावल विधानसभा सीट से बसपा के प्रभारी रहे अरशद राणा की ओर से शहर कोतवाली में दी गई तहरीर में बसपा के वेस्ट यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राईन समेत तत्कालीन जिलाध्यक्ष, मंडल कोऑर्डिनेटर समेत चार लोगों पर चरथावल विधानसभा का टिकट कार्यकर्ता सम्मेलन में अरशद राणा को दिए जाने की घोषणा करने और बाद में इसी नाम पर अलग-अलग किस्तों में लगभग 67 लाख रुपये वसूल किए जाने का आरोप लगाया है।

मायावती के आवास पर आत्मदाह की चेतावनी

थाने में तहरीर देने के साथ ही अरशद राणा ने अपनी फेसबुक पेज पर दो दिन में रुपए वापस न होने पर लखनऊ जाकर बसपा सुप्रीमो मायावती के आवास पर आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी है। उनका दावा है कि उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, उसके प्रमाण उनके पास हैं।

बसपा ने आरोपों को नकारा

बसपा के कोऑर्डिनेटर प्रेमचंद गौतम ने अरशद राणा के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि कोई पैसा नहीं लिया गया। उनका कहना है कि अरशद राणा ने बसपा से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए समर्थन मांगा था और वह चुनाव लड़े भी, लेकिन हार गए। चरथावल से पार्टी का टिकट सलमान सईद को मिलने के बाद वह इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

मामले की चल रही जांच

शहर कोतवाली के प्रभारी आनंद देव मिश्रा ने बताया अरशद राणा की ओर से टिकट के नाम पर वसूली किए जाने की तहरीर तो दी गई है, लेकिन तहरीर के साथ रुपये दिए जाने का कोई सबूत नहीं दिया गया है। उन्हें प्रमाण उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। यदि वह प्रमाण उपलब्ध कराते हैं तो उसकी सत्यता की जांच के बाद मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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