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दो वर्ष से ठप सेना भर्ती को लेकर युवाओं ने सोशल मीडिया पर छेड़ी मुहिम, लाखों ट्वीट्स

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. पिछले करीब दो साल से बंद चल रही सेना भर्ती रैली फिर से शुरू कराने के लिए शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर देश भर के युवाओं ने अभियान छेड़ दिया। युवाओं ने सरकार तक सेना भर्ती की मांग पहुंचाने के लिए हैशटैग जस्टिस फार आर्मी स्टूडेंट बनाकर उसे ट्रेंड कर दिया। देखते ही देखते यह ट्रेंड टाप पर पहुंच गया। करीब 23 लाख युवाओं ने इस हैशटैग को ट्रेंड किया।

सेना की यूपी सहित देश भर में पिछले दो साल से भर्ती रैली नहीं हुई है। इस बीच शुक्रवार को कांग्रेस ने सेना और सैन्य कमियों को लेकर श्वेत पत्र जारी किया। जिसमें 13 दिसंबर 2021 को संसद में दिए गए बयान कि तीनों सेनाओं में 1.22 लाख पद रिक्त है, इसने सेना भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं के आंदोलन को हवा दे दी। शनिवार सुबह से हैशटैग जस्टिस फार आर्मी स्टूडेंट टि्वटर पर ट्रेंड करने लगा। सुबह 11 बजे तक 8.5 लाख युवाओं ने इस हैशटैग को ट्रेंड किया। 

जबकि देर शाम तक 23 लाख युवाओं ने भर्ती रैली कराने की मांग उठायी। एक निजी संस्थान से सेना भर्ती की तैयारी कराने वाले मेजर (अवकाशप्राप्त) एके सिंह कहते हैं कि सेना भर्ती मुख्यालय यूपी व उत्तराखंड के अंतर्गत लखनऊ, बरेली, आगरा, अमेठी, वाराणसी और मेरठ के अलावा लांसडाउन, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ सेना भर्ती कार्यालय आते हैं।

यूपी में अंतिम बार अक्टूबर 2019 में सेना की खुली भर्ती रैली हुई थी। तब से अब तक कोरोना के नाम पर भर्ती रैली आयोजित ही नहीं की जा रही है। इतना ही नहीं यूनिट हेडक्वार्टर कोटा के तहत एएमसी सेंटर लखनऊ की भर्ती की अंतिम बार परीक्षा मार्च 2020 में हुई थी। इस कोटे की कई सेंटरों पर भर्ती रैली तो हुई लेकिन लिखित परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं। 

देश भर में सेना हर साल करीब डेढ़ लाख युवाओं को भर्ती करती है। इसमें मेल रेशियो पापुलेशन में यूपी की हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत होती है। हर एक भर्ती रैली में 50 से 70 हजार युवक हिस्सा लेते हैं। रक्षा मंत्रालय की ओर से टाली जा रही सेना भर्ती के कारण कई युवकों की अधिकतम आयु की सीमा समाप्त हो गयी है और उनको सेना भर्ती रैली में शामिल होने का एक भी मौका नहीं मिला है।

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