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विश्व कैंसर दिवस पर संगोष्ठी से जागरुकता - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. विश्व कैंसर दिवस पर मुख्य चिकित्सधिकारी कार्यालय के सभागार शुक्रवार को जन जागरूकता संगोष्ठी आयोजित की गयी। इस दौरान कैंसर के शुरूआती लक्षण सहित इलाज को लेकर विस्तृत चर्चा की गयी।

सीएमओ डा. हरगोविंद सिंह ने कहा कि कैंसल को लाइलाज बीमारी कहा जाता है। लेकिन समय रहते इसकी पहचान कर ली जाय तो इसका इलाज संभव है। एनसीडी के नोडल अधिकारी डा. केके सिंह ने बताया कि विश्व कैंसर दिवस की थीम ‘क्लोज द केयर गैप रखा गया है। जिसका मतलब है कि यदि मरीज के बीमारी की पहचान हो गई तो इसे बढ़ाने के बजाय तत्काल इलाज शुरू कर दिया जाए तो कैंसर पर काबू पाया जा सकता है। इसके कई उदाहरण हैं जो कैंसर से जूझने और उसके इलाज के बाद स्वस्थ होकर समाज की मुख्यधारा में काम कर रहे है।

एसीएमओ डा. केके वर्मा ने बताया कि कैंसर कई प्रकार के होते हैं, जिसमें से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर व अन्य में मुंह का कैंसर के मरीज अधिक संख्या में मिलते हैं। मुंह के कैंसर के लक्षण के बारे में बताया कि मुंह में सफेद व लाल चकत्ता व घाव होना। किसी जगह त्वचा का कड़ा हो जाना। ऐसे घाव जो एक माह से अधिक अवधि तक ना भरे। मुंह के श्लेषमा का पीला पड़ जाना। 

मसालेदार भोजन का मुंह के अंदर सहन ना होना। मुंह खोलने में कठिनाई, जीभ को बाहर निकालने में कठिनाई के साथ ही कई अन्य लक्षण भी हैं। इसके लिए पीड़ित व्यक्ति स्वयं इसकी जांच कर सकता है। पानी से कुल्ला करें और पर्याप्त रोशनी में दर्पण के सामने खड़े हो जाएं। दर्पण में देखे कि मुंह के अंदर कोई और सामान सफेद या लाल चकत्ते घाव या कठोर त्वचा तो नहीं है। यदि ऐसा कुछ दिखाई देता है तो संदेहास्पद भाग को उंगलियों से छूकर देखना चाहिए। 

इसके अलावा सामान्य श्लेसमकला लाल और गुलाबी रंग का होता है। ऐसा होने पर आस पास के स्वास्थ्य केंद्र से तत्काल संपर्क करें। जिससे इसका इलाज किया जा सके। एसीएमओ डा. मनोज सिंह ने कि महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के बारे में कहा कि स्तन कैंसर कोशिकाओं के अनियंत्रित बढ़ोतरी की वजह से होता है। स्तन कैंसर के मामलों में स्तन में गांठ या मस्से मुख्य लक्षणों में एक है। इसके अलावा स्तन के एक हिस्से या पूरे स्तन में किसी भी तरह की सूजन एक समस्या का कारण है। 

हालांकि यह संक्रमण गर्भावस्था जैसी स्थिति में भी हो सकता है। ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए महिलाओं में जोखिम वाले काम कम करने के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखना चाहिए। धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए। सब्जियों मछली और कम वसा वाले उत्पादों से भरपूर आहार करने जैसी जीवन शैली में बदलाव के साथ साथ नियमित मैमोग्राम करना भी होता है। इस दौरान डीपीएम प्रभुनाथ, डा. एकांत पांडे, अशोक, तबरेज अंसारी, अमित राय, राघवेंद्र प्रताप सिंह के साथ ही आशा भी मौजूद रहें।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

ब्रेस्ट कैसर के शुरूआती दौर में कई लक्षण दिखते है। इसमें त्वचा का लाल होना, मोटा होना, स्तन उत्तक के डिंपललिंग त्वचा की बनावट में बदलाव के साथ किसी भी तरह के तरल निकलना सहित आदि लक्षण दिखाई शुरूआती दौर में दिखाई देता है।

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