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रेलवे स्‍टेशनों पर शुरू हो रही ये खास व्‍यवस्‍था, लाखों यात्रियों को राहत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, रांची. केंद्रीय बजट में घोषित 'एक स्टेशन एक उत्पाद योजना' की शुरुआत की गई, जिसके अंतर्गत देशभर के रेलवे स्टेशनों पर क्षेत्र विशेष कि खास उत्पादों, स्थानीय कलाकृति, हस्तशिल्प, हथकरघा आदि की बिक्री के लिए चरणबद्ध तरीके से स्टाल लगाए जा रहे हैं। 

एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत रांची रेल मंडल के 15 स्टेशनों का चयन किया जाना है। वर्तमान में तसर सिल्क उत्पाद कि प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए रांची रेलवे स्टेशन पर झारखंड (झारखंड सिल्क टेक्सटाइल एंड हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड) की अस्थायी 15 दिवसीय स्टाल लगाई गई है।

भारतीय रेल के 19 स्टेशनों पर इस योजना का शुभारंभ किया गया, तत्पश्चात इसे 69 अन्य स्टेशनों पर बढ़ाया गया। तथा इसकी लोकप्रियता को देखते हुए अब इसे भारतीय रेल के 1000 स्टेशनों पर बढ़ाने की योजना है। मंडल में इस योजना का संचालन वरिष्ठ मंंडल यातायात प्रबन्धक कार्यालय द्वारा किया जा रहा है। इच्छुक व्यवसायी स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए मंडल के विभिन स्टेशनों पर स्टॉल लगाने के लिए वरिष्ठ मंडल यातायात प्रबंधक कार्यालय, हटिया से प्राप्त कर दिनांक 23 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं।

डीटीओ की चेकिंग से अफरातफरी

तुम्हारा ड्रेस कोड कहां है। क्या स्कूल वालों ने तुम्हें ड्रेस कोड नहीं दिया है। बिना ड्रेस कोड के स्कूल बसों का परिचालन नहीं करना है। विंडो में ग्रिल भी नहीं है। फर्स्ट एड बॉक्स में दवाईयां भी नहीं है। बस में नाम भी स्कूल का नहीं लिखा है। यह नाराजगी स्कूल बसों की जांच के दौरान जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश ने जताई। 

दोपहर 12 बजे सहजानंद चौक पर जिला परिवहन पदाधिकारी पहुंचे, जहां उन्होंने स्कूली बसों का औंचक निरीक्षण किया। चिलचिलाती धूप के बीच बसों की जांच की गई। बसों में बैठे बच्चों को परेशानी न हो इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी ने दो-तीन मिनट से अधिक बसों को नहीं रोकने का निर्देश दिया था। बस में चढ़कर कुछ फोटोग्राफी और पूछताछ करने के बाद उन्हें भेज दिया जा रहा था।

23 बसों में सुरक्षा मानकों का नहीं रखा गया था ख्याल

चेंकिग अभियान के दौरान 48 वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 23 वाहनों में सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते हुए पाया गया। इन बसों के चालक ड्रेस कोड नहीं पहने थे। जिसे विभाग द्वारा संबंधित विद्यालय प्रबंधक व वाहन स्वामी को कानूनी नोटिस निर्गत किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सभी स्कूल खुल गए हैं एवं सभी बसों का परिचालन नियमित रूप से हो रहा है। 

अतः पूर्व में भी जिला परिवहन पदाधिकारी सभी विद्यालय प्रबंधकों एवं वाहन मालिकों को सभी दस्तावेज पूर्ण व अद्यतन करने के लिए एवं सुरक्षा से संबंधित मानकों को अनुपालन के लिए पत्र दिया गया था। स्कूल बसों में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी सुरक्षा मानक को अनिवार्य रूप से पालन करना सुनिश्चित करें, जिसकी परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर इसकी जांच की जाएगी। रांची जिला परिवहन पदधिकारी प्रवीण कुमार प्रकाश एवं सड़क सुरक्षा के डीआरएसएम जमाल खान, रोड़ सेफ्टी इंजिनियर गौरव कुमार एवं आईटी सहायक अभय कुमार एवं परिवहन कार्यालय के कर्मी ओम प्रकाश ने सहयोग के तौर पर स्कूली वाहनों पर चेंकिग अभियान चलाया गया।

इन स्कूल बसों की हुई जांच 

डीपीएस स्कूल, संत थामस स्कूल, ब्रिजफोड स्कूल, लोरेटो स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल सहित अन्य स्कूलों की जांच की गई।

क्या-क्या बसों में नहीं मिला

फर्स्ट एड बॉक्स में नहीं थी दवाईयां- चालक ने नहीं पहन रखा था ड्रेस कोड- अग्निशमन यंत्र नहीं था कुछ बसों में - अग्निशमन यंत्र चलाने की नहीं थी जानकारी - विंडो में नहीं था ग्रिल - स्कूल बस में नहीं लिखा था स्कूल का नाम - नहीं दर्ज था स्कूल का नंबर

स्कूली वाहन के लिए जरूरी मानक

स्कूली वाहन का रंग पीला होना चाहिए, और स्कूल बस लिखा होना चाहिए- बस पर लिखा होना चाहिए स्कूल का नाम और पता- बस के मालिक का नाम सहित फोन नंः- बस व अन्य वाहनों की खिड़की पर सुरक्षा के लिए लोहे की ग्रील लगी होनी चाहिए।- स्कूल बस में आपात कालीन द्वार जाम नहीं होना चाहिए।- बच्चों की सुविधानुसार सीट होनी चाहिए।- फर्स्ट एड किट - वाहन में अग्शिमन यंत्र होना जरूरी है।- चालक/उपचालक/खलासी का ड्रेस कोड अनिवार्य होना चाहिए।- सभी दस्तावेज साथ में रखना, सुरक्षा हेतु सीट बेल्ट, स्पीड गवर्नस अनिवार्य।


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