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रेलवे के लिए अनुपयोगी हुए बढ़ई, माली, टाइपिस्ट और दफ्तरी, सरेंडर होंगे पद

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. अंग्रेजों के जमाने से स्टेशनों और दफ्तरों में कार्य करने वाले सहायक कुक, बिल पोस्टर, टाइपिस्ट, माली, दफ्तरी, बढ़ई, खलासी और पेंटर व कारखानों में ब्वायलर आदि शापों में तैनात कर्मी रेलवे के लिए अनुपयोगी हो गए हैं। अब इन पदों पर कार्यरत कर्मी जरूरत के हिसाब से दूसरे विभाग के कार्यस्थलों पर समायोजित किए जाएंगे। समीक्षा के बाद इन पदों को समाप्त सरेंडर कर दिया जाएगा। भविष्य में इन पदों पर दोबारा भर्ती नहीं होंगी। कर्मचारियों से खाली होने वाले विभागों के कार्य आउटसोर्स से निपटाए जाएंगे।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने समस्त जोनल महाप्रबंधकों को लिखा पत्र

रेलवे का मानना है कि बढ़ते तकनीकी माहौल में इन पदों पर तैनात कर्मियों के पास अब पर्याप्त कार्य नहीं रह गए हैं। जबकि कुछ कार्यस्थलों पर कर्मचारियों की आवश्यकता है और वहां आउटसोर्सिंग से कार्य कराए जा रहे हैं। इसके चलते रेलवे के खर्चे बढ़ रहे हैं। मानव संसाधन के मद में हो रहे खर्चों को कम करने के लिए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने सभी जोनल महाप्रबंधकों को पत्र लिखा है।

दूसरे पदों पर समायोजित होंगे कर्मचारी

बोर्ड अध्यक्ष ने खर्चों को कम करने पर जोर दिया है। उनका कहना है कुल खर्च का 67 प्रतिशत मानव संसाधन पर होता है। इसके लिए रेलवे प्रशासन कम कार्य वाले पदों पर तैनात कर्मियों को दूसरे कार्यस्थलों पर समायोजित करे। खाली हो रहे पदों को सरेंडर कर आवश्यक कार्य आउटसोर्स से पूरे कराए। कार्यस्थलों के पद और कार्य की रिपोर्ट व आउटसोर्स के लिए प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड को भेजें। ताकि खर्चों को कम के उपाय सुनिश्चित किए जा सकें।

पदों को सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू

पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने बोर्ड अध्यक्ष के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में कार्यवाही शुरू कर दी है। रेलवे प्रशासन ने तो पदों को सरेंडर करने की प्रक्रिया पहले से शुरू कर दी है। लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में सहायक लोको पायलटों के 434 पदों को समाप्त करने की तैयारी है। स्वास्थ्य विभाग में सफाईकर्मियों के 120, रेलवे स्कूलों के टीजीटी व पीजीटी के 100 पद तथा यांत्रिक कारखाना में 50 सहित करीब 1300 पदों को सरेंडर करने की प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट बोर्ड को भेज दी गई है। यह तब है जब पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न श्रेणियों में स्वीकृत 60 हजार कर्मचारियों के पद के सापेक्ष 14329 पद खाली हैं।

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