Today Breaking News

Ghazipur News: महिला करती रही खून की उल्टियां, एंबुलेंस वाला देता रहा नियम की दुहाई

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के सैदपुर नगर में रविवार को एक ऐसी घटना घटित हुई, जिसने सरकार की व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। नगर स्थित पक्का घाट पर श्रद्धालुओं से भीख मांगने वाली टीबी से ग्रसित एक महिला, नगर स्थित महिला चिकित्सालय के पास खून की उल्टियां करती रही। लेकिन चिकित्सालय में खड़ी 102 एंबुलेंस का ड्राइवर नियम की दुहाई देता रहा। स्थानीय लोग महिला की हालत देख 108 हेल्पलाइन पर फोन नहीं मिलने के साथ ही उक्त एंबुलेंस ड्राइवर से महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने की विनती करते रहे। लेकिन वह टस से मस नहीं हुआ।

सैदपुर क्षेत्र के नसीराबाद गांव की मुसर बस्ती निवासी विधियां पत्नी सामा अपनी पुत्री नीलम के साथ नवरात्रि में भीख मांगने के लिए सैदपुर नगर स्थित पक्का घाट पर भोर से आई हुई थी। घाट पर ही सुबह अचानक उसे खून की उल्टियां होने लगी। जिसे देख उसकी पुत्री नीलम रोने लगी। इसके बाद वह अपनी बेटी को लेकर पूरे रास्ते खून की उल्टियां करते हुए, सैदपुर स्थित महिला चिकित्सालय के पास हालत ज्यादा बिगड़ने पर बैठ गई। उसकी हालत देख आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और 108 हेल्पलाइन पर फोन करने लगे। लेकिन फोन नहीं मिला।

इसके बाद लोग भागकर महिला चिकित्सालय परिसर में खड़े यूपी 61 41जी 3417, 102 एंबुलेंस के ड्राइवर जितेंद्र के पास पहुंचे, और उससे महिला को वहां से मात्र 400 मीटर दूर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने की विनती करने लगे, लेकिन एंबुलेंस ड्राइवर महिला को नहीं ले गया। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने किराए पर एक टेंपो बुलाकर, महिला के आग्रह अनुसार उसे उसके घर भेजा ।

अमानवीय व्यवस्था को कोसते रहे लोग

102 एंबुलेंस चालक की इस अमानवीय हरकत और व्यवस्था को देख लोग चालक और व्यवस्था को कोसते रहे। लोगों का कहना था कि एंबुलेंस कोई भी हो चाहे वह गर्भवती के लिए 102 हो या दुर्घटना आदि मरीजों के लिए 108, जान बचाने के लिए 102 को मौके पर 108 बन जाना चाहिए, और 108 को मौके पर 102 बन जाना चाहिए। एंबुलेंस का काम सिर्फ मरीजों की सेवा करना है। प्राथमिकता के आधार पर काम होना चाहिए।

'