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गाजीपुर में 210 किसानों को वितरित किया मुफ्त धान का बीज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कालेज और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित धान की प्रजाति पूसा संभा-1850 के प्रदर्शन के लिए गुरुवार को फतेहउल्लाहपुर के 210 किसानों को उसका बीज निश्शुल्क वितरित किया गया। केंद्र के सीनियर साइंटिस्ट एंड प्रभारी डा. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि धान की प्रजाति पूसा संभा-1850 पत्ती का ब्लास्ट रोग से प्रतिरोधी है।

यह प्रजाति छत्तीसगढ़ व उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त है। सिचाई व्यवस्था युक्त क्षेत्र होना चाहिए, जिसका पीएच पांच से आठ के बीच होना चाहिए। बीज का उपचार एक ग्राम इमीसान-6 या 12 ग्राम बावस्टिन और एक ग्राम स्टेप्टोसाइक्लीन से 10 लीटर पानी में बोआई से पहले 24 घंटे भिगोकर करते हैं। इस प्रजाति की नर्सरी मई के तीसरे सप्ताह से जून के दूसरे सप्ताह तक की जा सकती है तथा रोपाई जून के चौथे सप्ताह से जुलाई के पहले सप्ताह तक कर सकते हैं।

इसकी बीज दर पांच किग्रा प्रति एकड़ तथा रोपाई पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 सेमी तथा पौधे से पौधे की दूरी 20 सेमी रखनी चाहिए। धान रोपाई के 45 से 55 दिन पहले से हरी खाद, ढैंचा का उपयोग करें, साथ ही मिट्टी की जांच अवश्य कराना चाहिए, जिसमें औसत मात्रा 48:24:24, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश प्रति एकड़ एवं नाइटोजन की मात्रा को तीन हिस्से में दें। रोपाई के समय 10 किग्रा प्रति एकड़ की दर से जिक सल्फेट का उपयोग करें।

धान की नर्सरी डालने से पूर्व उद्धव खरपतवारनाशी जैसे-प्रोटीलाक्लोर, सफेनर 600 मिली प्रति एकड़़ का उपयोग बोआई के तीन या चार दिन बाद करें। नर्सरी में बूंद-बूंद सिचाई का प्रयोग करें, बहाव सिचाई का प्रयोग न करें। 

135 दिन में होगी तैयार

इस प्रजाति का धान बोआई के 135 से 140 दिन बाद कटाई योग्य हो जाता है। गुणवत्ता लक्षण-इसमें दाना मध्यम पतला बिना सफेद धब्बे के एमाइलोज मात्रा 21.5 प्रतिशत होती है। एचआरआर अत्यंत ज्यादा 68.8 होता है। इस प्रजाति की संभावित उपज 23 से 25 क्विटल प्रति एकड़ है। धान बीज वितरण के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, अशोक मिश्रा, भारतीय कृृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. अशोक कुमार सिंह, प्रधान वैज्ञानिक डा. राजेश राय वर्मन तथा भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के प्रधान वैज्ञानिक डा. विद्यासागर ने किसानों को संबोधित किया। कार्यक्रम में केवीके के डा. डीके सिंह, डा. एसके सिंह, डा. ओमकार सिंह, आशीष कुमार वाजपेयी, आशुतोष सिंह, डा. पीके सिंह, सुनील कुमार सहित 210 किसान उपस्थित थे।

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