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आजम खां के विरुद्ध पुनरीक्षण याचिका, मंत्री रहते कही थी दाऊद से चंदा लेने की बात

गाजीपुर न्यूज़ टीम, सुलतानपुर. काफी दिनों से सीतापुर की जेल में बंद पूर्व मंत्री व समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खां की मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही हैं। यहां के सत्र न्यायालय में उनके विरुद्ध एक पुनरीक्षण याचिका शुक्रवार को दायर हुई। इसमें देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की गई है। सपा के वर‍िष्‍ठ नेता आजम खां ने सपा मुखिया के जन्मदिन पर हुए खर्चे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था क‍ि सारा पैसा दाऊद व सलेम ने दिया है।

यहां के निरालानगर निवासी ज्ञानेंद्र तिवारी ने 2015 फरवरी में एक परिवाद दायर किया था। इसमें कहा कि जौहर विश्वविद्यालय में सपा मुखिया के जन्मदिन पर हुए खर्चे पर सवाल पर आजम ने जवाब दिया था कि सारा पैसा दाऊद व सलेम ने दिया है। यह खबर 22 नवम्बर 2014 को समाचार पत्र में पढ़कर काफी ठेस लगी, क्योंकि यह बयान देशद्रोह के श्रेणी में आता है। आजम खां दो साल से भी ज्यादा समय से सीतापुर जेल में बंद हैं, वह पार्टी के अहम नेता हैं।

बयान देने के मामले में कोई गवाह न दे पाने पर परिवाद को चार जनवरी 2016 को तत्कालीन मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया। अधिवक्ता संतोष पांडे ने बताया कि उसी आदेश के विरुद्ध रिवीजन (पुनरीक्षण याचिका) दायर की गई जो प्रकीर्णवाद के रूप में पंजीकृत हुई है। प्रभारी जिला जज राजेश नारायण मणि त्रिपाठी ने आजम खां को नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए 14 जून की तिथि नियत की है।

समाजवादी पार्टी के संस्थापक तथा मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां रामपुर से समाजवादी पार्टी से सांसद हैं। फर्जीवाड़ा के मामले में आजम खां के साथ उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम खां तथा पत्नी भी जेल में बंद थे। आजम खां की पत्नी तंजीम फात्मा अभी रामपुर से विधायक हैं जबकि बेटा अब्दुल्ला आजम खां उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में रामपुर के स्वार टांडा से समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी हैं।

53 सपाइयों की होगी गिरफ्तारी : पेशियों पर अदालत न आने वाले 53 सपाइयों की गिरफ्तारी होगी। एमपी-एमएलए कोर्ट के मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने इस संबंध में आदेश दिए हैं। मामला 2008 में डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन से जुड़ा है। विशेष लोक अभियोजक कालिका प्रसाद मिश्र ने बताया कि सपा जिलाध्यक्ष रघुबीर यादव के नेतृत्व में सैकड़ों सपाइयों ने शहर के डाकखाना चौराहे पर धरना देकर जनसभा की थी। उन्हें पकड़कर पुलिस लाइंस ले जाया गया। मुचलका न भरने पर कई धाराओं में एफआइआर दर्ज कर जेल भेज दिया गया।

मुकदमे में कई ने तो जमानत तो करवा ली, लेकिन कई बार समन भेजने के बाद भी 53 लोग अदालत नहीं आए। इस पर मजिस्ट्रेट ने ओम प्रकाश, लक्ष्मण यादव, दधिबल, सफीर, मोहम्मद अहमद, मुहम्मद सलीम, राजदेव यादव, सालिगराम वर्मा, अरुण सि‍ंह, सलाहुद्दीन समेत 53 लोगों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया। साथ ही 23 मई को आरोप तय करने की तिथि निर्धारित की है।

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