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IAS रामबिलास यादव ने रामकरन दादा के नाम पर ट्रस्ट और MLC बेटे से दोस्ती कर भरा खजाना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. आईएएस रामबिलास यादव सियासी गठजोड़ से खजाना भरने में कामयाब रहे। सपा के कद्दावर नेता रामकरन दादा के नाम पर पहले ट्रस्ट बनाया फिर उनके एमएलसी बेटे विजय यादव से दोस्ती और रिश्तेदारी जोड़कर कई जनप्रतिनिधियों से निधि का पैसा भी ट्रस्ट में हजम कर लिया। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में समाजसेवा के लिए बने इस ट्रस्ट ने जिले की बात तो दूर दादा के गांव ईशोपुर में भी रतिभर काम नहीं किया।

रामबिलास यादव के परेंवा स्थित आवास के मुख्य द्वार पर बड़े-बड़े अक्षरों में स्व. राम करन दादा मेमोरियल ट्रस्ट कुसुम उपवन लिखा हुआ है। 

पूर्वांचल के गांधी कहे जाने वाले स्व. रामकरन दादा का सपा में अच्छा खासा दबदबा था। दरअसल, भुजहुआं में दादा और रामबिलास यादव की रिश्तेदारी थी। इस वजह से दोनों लोगों में काफी जुड़ाव हो गया। सपा की सरकार बनने पर रामबिलास यादव, दादा के काफी करीब आ गए। नजदीकियां बढ़ने का ही नतीजा रहा कि दादा के निधन के बाद रामबिलास ने उनके नाम पर समाजसेवा के लिए राम करन दादा मेमोरियल ट्रस्ट बना डाला। 

इस दौरान दादा के निधन के बाद सपा सरकार ने उनके बेटे को एमएलसी बना दिया।आईएएस ने दादा के बेेटे विजय यादव से ट्रस्ट के नाम पर 20 लाख लिए। इसके अलावा भी कई विधायकों ने अपनी निधि से ट्रस्ट को कई-कई लाख रुपये दिए, लेकिन समाजसेवा सिर्फ कागजों में ही रही। हकीकत में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई काम इस ट्रस्ट ने नहीं किया। उधर, रामकरन दादा के बेटे व पूर्व एमएलसी विजय यादव ने इस बाबत कुछ भी बोलने से परहेज किया।

जिले के कई राजनेताओं से रामबिलास से करीबी रिश्ता

आईएएस रामबिलास यादव का गाजीपुर जिले के कई राजनीतिज्ञों से करीबी रिश्ता रहा है। सपा सरकार में गहरी पैठ के चलते कई नेता उनके करीब चले आए। एक दूसरे ने इसका फायदा भी उठाया। (मीडिया इनपुट्स के साथ)

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