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हमें छोड़कर कर मत जाइए सर जी...सरकारी स्‍कूल के गुरुजी का ट्रांसफर होने पर लिपटकर रोने लगे बच्चे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, चंदौली. चंदौली जिले के कम्पोजिट विद्यालय रतिगढ़ में नियुक्त शिक्षक शिवेंद्र सिंह का स्थानांतरण हो जाने पर छात्र निराश होकर रो पड़े। दुखी बच्‍चे बोले कि हमें छोड़कर कर मत जाइए सर जी...। कम्पोजिट विद्यालय रतिगढ़ में शिक्षक शिवेंद्र से लिपट कर रोते बच्चे शुक्रवार को खूब वायरल हुए।


नर हो न निराश करो मन को कुछ काम करो कुछ काम करो जग में रहकर कुछ नाम करो...। महाकवि मैथिलीशरण गुप्त किया कविता शिक्षक शिवेंद्र सिंह बघेल पर सटीक बैठती है। खुद को निराश होने के बजाय विद्यालय के बच्चों से इतने घुल मिल गए कि पिछले दिनों उनका स्थानांतरण होने के बाद बच्चे भी खुद को रोक नहीं पाए और गले लिपट कर रोने लगे। बोलने लगे सर जी हमें छोड़ कर मत जाइए...। यह भावुक तस्वीर और वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल है।

दरअसल विकास क्षेत्र के कम्पोजिट विद्यालय रतिगढ़ में पिछले चार वर्षों से सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त रहे शिवेंद्र सिंह बघेल बच्चों को परिवार समझकर शिक्षा की तामिल देने में लगे रहे। मूल रूप से उन्नाव के शुक्लागंज निवासीि शिवेंद्र का स्थानांतरण 12 जुलाई 2018 में यहां हुआ।

शुरुआती दौर में सुदूरवर्ती विद्यालय पर स्थानांतरण पाने से काफी निराश रहे लेकिन बच्चों में इस तरह घुल मिल गए कि वे यहां के होकर रह गए। नियमित समय से स्कूल आना, बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर पढ़ाना, साथ में खेलना कूदना आदत में शुमार था। जिस दिन किसी कारणवश विद्यालय नहीं आते थे, बच्चे उदास हो जाते थे। शिवेंद्र सर क्यों नहीं आए..., कब आएंगे... जैसे सवाल बच्चे दूसरे शिक्षकों से पूछते हुए बेचैन रहते थे।

जैसे ही छात्रों को बच्चों को मालूम हुआ कि शिवेंद्र सर का स्थानांतरण हाथरस के लिए हो गया है। वे पूरी तरह निराश हो गए। बीते 12 जुलाई को विद्यालय में विदाई कार्यक्रम के दौरान बच्चे रोते हुए शिक्षक शिवेंद्र से लिपट गए और कहने लगे कि सर हमें छोड़ कर मत जाइए। यह भावुक घड़ी यादगार बन गई। शिक्षक भी खुद को नहीं रोक पाए और बच्चों से लिपट कर रोने लगे। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रही है।

पहली बार जब यहां आया और सुदूरवर्ती इलाका देख निराश हो गया। पर हिम्मत नहीं हारा कुछ कर दिखाने का संकल्प लेते हुए बच्चों के साथ बच्चा बन गया। उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए उनके लिए नई-नई एक्टिविटी करने लगा। जो नर्सरी व कान्वेंट स्कूल में होती है। इस दौरान अभिभावकों व बच्चों का बेहद प्यार भी खूब मिला।-शिक्षक शिवेंद्र सिंह

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