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गांव में घुसा बाढ़ का पानी, सड़कें जलमग्न - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. बैराज से पानी का डिस्चार्ज और यमुना में बढ़ते पानी से गंगा का जलस्तर शनिवार को चेतावनी बिंदु पारकर खतरे के निशान तक दस्तक दे दी। एक सप्ताह के घटाव के बाद गंगा के जलस्तर तेजी से बढ़ाव शुरू हो गया है। गंगा के बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर तटवासियों और ढाब क्षेत्र के लोगों की धड़कनें तेज कर दी हैं। गाजीपुर के प्रमुख घाटों का आपसी संपर्क खत्म हो गया है। घाट के आसपास लगी दुकानों को हटाना पड़ा। केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी बाढ़ बुलेटिन के अनुसार शनिवार शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 62.330 मीटर पहुंच गया, जो खतरे के निशान 63.105 मीटर से कुछ दूरी पर रह गया है।

बुधवार की सुबह रफ्तार तेज होने के बाद दिन चढ़ने के साथ ही गंगा के बढ़ाव की रफ्तार थोड़ी-थोड़ी कम होने लगी थी लेकिन पिछले 72 घंटे से गंगा में बढ़ाव निरंतर बना हुआ है। इन घंटों में गंगा के जलस्तर में सवा तीन मीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। गंगा के पानी ने गांवों में दस्तक दे दी है और गंगा के आसपास के तमाम इलाके, सड़कें, खेत जलमग्न हो गए हैं। क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों के खेतों में नदी का पानी पहुंच चुका है। इसके साथ ही घाटों के ऊपर पानी चढ़ने लगा है और गंगा में नौकाओं का संचालन बंद कर दिया गया है। गंगा का जल स्तर बढऩे से शहर के मोहल्ले में भी बाढ़ की आशंका हो गई है। ग्रामीण इालकों के कई गांव में बाढ़ का पानी घुसने लगा है। अब तक एक सैकड़ा से अधिक घरों में पानी घुस गया है। अगर गंगा खतरे का निशान पार करेंगी तो लगभग सौ गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से तटीय क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही प्रशासनिक अधकिारियों को बोट और मोटर बोट भी लगा दी गई है।

कामाख्या धाम मार्ग बंद, हसनपुरा में भरा पानी

रेवतीपुर में कामाख्या धाम मार्ग को जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी पहुंचने से आवागमन बंद हो गया। मार्ग जलमग्न होने के बाद वाहनों को निकालना खतरे से खाली नहीं है। हसनपुरा के दलित बस्ती में भी शनिवार दोपहर बाढ़ का पानी घुस गया। वहीं गांव के बाहर मंदिर और खलिहान समेत कई स्थल डूब गए। रेवतीपुर में ग्रामीण खेतों से अपनी सब्जी की फसल और पशुओं के हरे चारे की कटाई तेजी से करने लगे हैं। खेतों के डूबने से पहले फसल जितनी बचाई जा सके इसकी कोशिश की जा रही है। नदी का जलस्तर ज्यादा बढ़ने पर अभी खेतों में नदी का पानी पहुंचने लगा है। जो इसमें बोई गई फसलों को धीरे धीरे डुबाता जा रहा है। रेवतीपुर समेत आसपास के कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को पिछली बार की तरह इस बार भी भारी नुकसान का डर सताने लगा है। गंगा दो सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रही हैं।

गंगा के साथ गोमती का रौद्र रूप

सैदपुर क्षेत्र में गंगा और गोमती नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी के बीच दोनों नदियों ने चेतावनी बिंदु पार कर दिया है। गोमती तो खतरे के निशान के करीब से बह रही हैं। इसके साथ ही ग्रामीण तटवर्ती इलाकों के खेतों से अपने सिंचाई के लिए रखे गए इंजन, बांस, बल्ली आदि उखाड़ कर, ऊंचाई की तरफ पलायन करने लगे हैं। उप जिला अधिकारी ओम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। नदियों के तटीय इलाकों के लेखपाल को स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए सचेत कर दिया गया है।बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के गौरी, तेतारपुर, गौरहट, गोरखा, कुसहीं, खरौना, हथौड़ा, पटना, छपरा, मंझरिया आदि गांव के लेखपालों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

मवेशियों के लिए चारे का संकट

जलस्तर के बढ़ने की रफ्तार अगर यही रही तो अगले दो-तीन दिनों में गंगा और गोमती नदी के तटवर्ती इलाकों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है। इसे लेकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों में अभी से चिंता बढ़ने लगी है। इन क्षेत्रों के लोग बाढ़ से निपटने की तैयारी में जुट गए हैं। इन क्षेत्रों में मवेशियों के लिए चारे और रहने का संकट खड़ा हो जाता है।

जल स्तर की स्थिति - 2 सेमी प्रतिघंटा बढ़ाव

आज गंगा का जलस्तर 62.220 मीटर l

61.550 मीटर, चेतावनी बिंदु l

63.105 मीटर, खतरा बिंदुl

65.220 मीटर, उच्च बाढ़

2021 बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.680 मीटर l

2019 बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.530 मीटर l

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