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गाजीपुर में 60 लाख का गबन कर भागे पूर्व चेयरमैन और लिपिक, कोर्ट ने SP से पूछा क्यों नहीं हो सकें अरेस्ट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सैदपुर में कूड़ा डंपिंग स्थल गबन मामले में चेयरमैन प्रतिनिधि और लिपिक के खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी हुआ है। जिसके बाद गिरफ्तारी के डर से दोनों लापता हो गए हैं। नगर पंचायत कार्यालय स्थित लिपिक के चेंबर में बीते 1 सप्ताह से ताला लटका हुआ है। अक्सर कुछ समय के लिए चेयरमैन सरिता सोनकर के चेंबर में बैठने वाले उनके पति तत्कालीन चेयरमैन व वर्तमान चेयरमैन प्रतिनिधि शशि सोनकर भी इतने ही दिनों से नगर पंचायत कार्यालय से गायब हैं।

माना जा रहा है कि सीजेएम कोर्ट द्वारा दोनों के खिलाफ कूड़ा डंपिंग खरीद घोटाले के मुकदमे में एनबीडब्ल्यू जारी किए जाने के बाद अब पुलिस सरगर्मी से दोनों की तलाश कर रही है। वही मामले में आरोपी बनाए गए तत्कालीन अधिशासी अधिकारी राम वचन यादव के खिलाफ पुलिस अभी तक अभियोजन की स्वीकृति नहीं ले पाई है।

यह है पूरा मामला

वर्ष 2015 में कूड़ा डंपिंग के लिए क्षेत्र के डहरा गांव के पास 20 लाख रुपए सर्किल रेट की ढाई बीघा जमीन, लगभग 64 लाख रुपए में खरीदी गई थी। जबकि ठीक उसी समय नगर पंचायत द्वारा खरीदी गई जमीन के बगल में लगभग 25 लाख रुपए सर्किल रेट की जमीन मात्र 18 लाख रुपए में बिकी थी। तत्कालीन ऑडिटर ने भी खरीद पर टिप्पणी की थी। लिखा था कि बिना सक्षम अधिकारी तहसीलदार के परमिशन के यह जमीन खरीदी गई है, जो गलत है।

तत्कालीन सभासद की शिकायत की जांच कर डीएम ने दर्ज करवाया था मुकदमा

जिसके बाद तत्कालीन सभासद राजेश सोनकर की शिकायत पर डीएम ने जांच करा कर सैदपुर कोतवाली में अपराध संख्या 108/18 धारा 409 मुकदमा पंजीकृत करवाया था। जिसमें लिपिक सुरेंद्र सोनकर, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी राम वचन यादव और तत्कालीन चेयरमैन शशि सोनकर को आरोपी बनाया गया।

वर्ष 2020 में सैदपुर पुलिस ने अधिशासी अधिकारी रामवचन यादव के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति के अभाव में ही चार्ज सीट न्यायालय में पेश कर दी। इसके बाद न्यायालय द्वारा कई बार आरोपियों को पेश होने की नोटिस भेजी गई। जब वह पेश नहीं हुए तो बीते 6 जून को बेलेबल वारंट जारी किया गया। फिर भी आरोपी न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हुए।

उच्च न्यायालय ने एसपी से पूछा 4 वर्ष में आरोपी क्यों नहीं गिरफ्तार हो सके

जिस पर शिकायतकर्ता सभासद राजेश सोनकर ने हाई कोर्ट में अपील कर मामले की तरफ न्यायालय का ध्यान आकृष्ट कराया। जिसके बाद बीते 7 जून को हाईकोर्ट ने ऑर्डर जारी कर, पुलिस अधीक्षक गाजीपुर से पूछा कि अपराध संख्या 108/18 धारा 409 सैदपुर को अब तक 4 वर्ष हो चुके हैं।

मुकदमे के आरोपी क्यों गिरफ्तार या न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हो सकें है। जिसके बाद मामले की पिछली तारीख 27 जुलाई को सीजीएम कोर्ट द्वारा दोनों आरोपियों के खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी करने का आदेश दे दिया गया।

शिकायतकर्ता पूर्व सभासद ने लगाया तत्कालीन चेयरमैन और लिपिक पर प्रताड़ना का आरोप

शिकायतकर्ता राजेश सोनकर ने बताया कि जब से मेरी शिकायत पर पूर्व चेयरमैन, अधिशासी अधिकारी और लिपिक के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुआ है। तब से यह सभी मेरे पीछे पड़े हुए है। चार महीने पहले इन्होंने एक महिला के माध्यम से मेरे ऊपर एक फर्जी मुकदमा भी सैदपुर कोतवाली में दर्ज करावा दिया है। जिसके माध्यम से लगातार मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। जेल भिजवाने की धमकी दी जा रही है।

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