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आजमगढ़ में बनेगा समाजवादी पार्टी का 'वार रूम', 38 बिस्वा जमीन पर बनेगा पार्टी का कार्यालय

गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़. विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद समाजवादी पार्टी ने भी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है। इसी संबंध में पूर्वांचल में सपा का गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ के जनप्रतिनिधियों और निवर्तमान पदाधिकारियों के साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने लखनऊ में शनिवार को बैठक की।

अखिलेश यादव ने कहा कि आजमगढ़ में पार्टी का विशाल कार्यालय बनाकर वहां से संगठन को नई दिशा दी जाएगी। संकेत दिया कि लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल फतह के लिए पार्टी का 'वार रूम' यहीं होगा।

पदाधिकारियों के अनुसार समाजवादी पार्टी ने संगठन के नाम से 22 जनवरी, 2021 को आजमगढ़ में मंदुरी एयरपोर्ट के समीप महाराजपुर में साढ़े छह करोड़ रुपये से 38 बिस्वा भूमि खरीदी थी। अब यहां अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से युक्त कार्यालय बनाने की योजना है। उपचुनाव में मिली हार के कारणों पर देर तक चले मंथन के बाद वर्ष 2024 के चुनाव की तैयारियों की रणनीति बनी।

लोकसभा चुनाव में पार्टी किस तरह पूर्वांचल फतह करे, इस पर विमर्श हुआ

लोकसभा चुनाव में पार्टी किस तरह पूर्वांचल फतह करे, इस पर विमर्श हुआ। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि हर बूथ पर 50 नए सदस्य बनाएं। गांव-गांव तक लोगों को बताएं कि सरकार किस तरह आम जनता को परेशान करने को कोई मौका नहीं चूक रही।

बैठक में धर्मेंद्र यादव, विधायक दुर्गा प्रसाद यादव, संग्राम यादव, नफीस अहमद, अखिलेश यादव, कमलाकांत राजभर, पूर्व मंत्री बलराम यादव, चंद्रदेव यादव करैली, राम आसरे विश्वकर्मा के अलावा निवर्तमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव, शिशुपाल सिंह, रामदुलार राजभर आदि मौजूद रहे।

सरकार के इशारे पर रमाकांत को बनाया गया आरोपित

माहुल शराब कांड में विधायक रमाकांत यादव को आरोपित बनाए जाने पर सपा ने एतराज जताया है। कहा कि सरकार के इशारे पर प्रशासन ने फर्जी कहानी गढ़ी है।पार्टी के निवर्तमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि घटना चार महीने पहले की है। यदि उनके विरुद्ध कोई सबूत रहता तो उसी समय अारोपित बना दिया गया होता, लेकिन बाद में परेशान करने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। केंद्र एवं प्रदेश की सरकारें विपक्षी दलों के नेताओं के विरुद्ध फर्जी मुकदमा लगाकर उनकी आवाज दबा रही हैं।

सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग कर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर किया जा रहा है। सरकार हिटलर के रास्ते पर चल रही है। संविधान और लोकतंत्र को खतरा पैदा हो गया है, लेकिन सपा अलोकतांत्रिक रवैये का विरोध करेगी और पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल अधिकारियों से मिलेगा। फिर भी न्याय नहीं मिला तो पार्टी आंदोलन का रुख अख्तियार करेगी।

 
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