लेखपाल भर्ती में साॅल्वर गिरोह ने अभ्यर्थियों से किया था 10-10 लाख का सौदा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित लेखपाल भर्ती परीक्षा में धांधली का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार अभ्यर्थियों ने पूछताछ में कई राज खोले हैं। प्रयागराज के साल्वर गिरोह के सरगना ने नकल की ब्लू प्रिंट तैयार की थी। आरोपितों के पास से बरामद ब्लूटूथ डिवाइस में सिम कार्ड भी लगे हैं।
एसटीएफ ने बताया कि अभ्यर्थियों से साल्वर गिरोह के सरगना ने 10-10 लाख रुपये में सौदा तय किया था। उन्हें ब्लूटूथ डिवाइस दी गई थी। कहा गया था कि वे अपने डिवाइस आन रखेंगे। उसे ऐसे कान में लगाकर रखेंगे कि कक्ष निरीक्षक उन पर संदेह न कर सके। पेपर आउट होते ही ब्लूटूथ डिवाइस से एक-एक सवाल का उत्तर बताने का वादा साल्वर गिरोह ने किया था। सरगना विजय कांत पटेल के पकड़े जाने पर पूछताछ के बाद एसटीएफ ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी कर यह कार्रवाई की।
सीरीज का कोड किया था जारी
उदय प्रताप कालेज में पकड़े गए पुष्पेंद्र ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि इस पूरे घटनाक्रम के सरगना विजयकांत पटेल से उसकी मुलाकात 30 जुलाई को प्रयागराज के फूलपुर में हुई थी। विजयकांत ने 10 हजार रुपये लेकर दो इलेक्ट्रानिक डिवाइस दिया था। बताया था कि ब्लूटूथ ईयरबड सेल डिवाइस को कान में लगाना है तथा दूसरे डिवाइस को सिम कार्ड लगाकर अपने हाथ में कार्बन पेपर के साथ बांध लेना है।
कार्बन के चलते मेटल डिटेक्टर से डिवाइस पकड़ में नहीं आएगा। साथ ही सरगना विजयकांत द्वारा परीक्षार्थी पुष्पेंद्र को बताया गया था कि परीक्षा हाल में कुल चार सीरीज के कोड के हिसाब से बातचीत होगी। इसमें ए का मतलब एप्पल, बी का मतलब ब्वाय, सी का मतलब कैट और डी का मतलब डाग होगा।
डाग बोलने का मतलब डी से होगा। जिस सीरीज का उत्तर पूछा जा रहा है अगर वह सही हो तो केवल उसे खांस कर संकेत देना है। साथ ही पकड़े गए परीक्षार्थी ने बताया कि यह तय हुआ था कि जब आपकी नौकरी लग जाएगी तो 10 से 15 लाख रुपये तक की रकम देनी पड़ेगी। चारों मामले में शिवपुर, चेतगंज व चौक में धोखाधड़ी, सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम व आइटी एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए।