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वन विभाग की छापेमारी में दुकान में मिली प्रतिबंधित शंख, भालू की खाल और शेर के नाखून

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. बलिया शहर में रविवार की शाम छापेमारी में एक दुकान से प्रतिबंधित जानवरों के अंग बरामद होने के बाद बाजार में हड़कंप मचा हुआ है। दूसरे दिन भी दो दुकानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान प्रतिबंधित शंख मिलने पर दो भाइयों अनिल व संजीव को हिरासत में ले लिया गया। 

बरामद छोटी-बड़ी लगभग 100 शंखों की बाजार में बिक्री प्रतिबंधित है। जानवरों के अंगों का जड़ी-बूटियों में प्रयोग किया जाता है। इसे तंत्र-मंत्र में भी उपयोग करते हैं। दुकान से हिरन, भालू की खाल के टुकड़े, यहां शेर के नाखून, कस्तूरी, शाही के कांटे आदि बरामद हुए हैं। 

दरअसल, रविवार की शाम शहीद पार्क चौक स्थित जड़ी-बूटी की दुकान में छापेमारी टीम पहुंची। दुकान में जानवरों के अंग होने की शिकायत किसी व्यक्ति ने वन्य जीव प्राधिकरण काे दी थी। वहां से एक अधिकारी बलिया पहुंचे। यहां पुलिस के साथ छापेमारी की कार्रवाई की गई। इस दौरान दुकान से प्रतिबंधित जानवरों के अंग मिले। इन्हें जब्त करते हुए दुकान संचालक पारसनाथ गुप्ता व रोशन को गिरफ्तार कर लिया। 

बड़ा सवाल, कहां से लाए गए अंग

वन विभाग पता लगाने की कोशिश में जुटा है कि जानवरों के अंग कहां से लाए गए। इसके तार कहां तक जुड़े हैं इसका पता लगाया जा रहा है। इसमें किसी गिरोह के शामिल होने की संभावना भी जताई जा रही है। 

रोचक रहा छापेमारी का घटनाक्रम

दुकान पर ग्राहक बनकर पहुंचे अधिकारी रविवार को छापेमारी से पहले का घटनाक्रम काफी रोचक रहा। शिकायत मिलने पर दिल्ली से कुछ दिन पहले वन्य जीव प्राधिकरण के एक अधिकारी बलिया पहुंचे। उन्होंने चौक क्षेत्र में घूमकर जायजा लिया। 

कार्रवाई से एक दिन पहले वह पारसनाथ गुप्ता की दुकान पर पहुंचे। उन्होंने ग्राहक बनकर जानवरों के अंगों के बारे में जानकारी ली। इसके बाद बाद पुष्टि होते ही पुलिस व वन विभाग की टीम के साथ छापेमारी की गई तो सच्चाई सामने आ गई। 

कई राज्यों से जुड़ सकते हैं तार 

जानवरों के अंगों की तस्करी के तार कई राज्यों से जुड़ सकते हैं। ऐसे जानवरों के अंग मध्य प्रदेश, राजस्थान व अन्य राज्यों से लाए जाने की संभावना जताई जा रही है। जांच टीम इसकी तह तक पहुंचने में लगी है। जांच से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि प्रतिबंधित शंख भी प्रदेश के बाहर से ही मंगाई गई होगी। 

सीओ सिटी प्रीति त्रिपाठी ने बताया कि इस मामले में विधिक कार्रवाई वन विभाग की ओर से कराई जा रही है। संबंधित विभाग के साथ छापेमारी के दौरान पुलिस ने पूरा सहयोग किया। मामले की जांच चल रही है।

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